नेता प्रतिपक्ष और उत्तराखंड कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश का हार्ट अटैक आने की वजह से दिल्ली के एक अस्पताल निधन हो गया है। आज सुबह उन्हें गंभीर हालत में दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। कांग्रेस की कद्दावर नेता की मौत से पार्टी को बड़ा झटका लगा है।

यूपी से अलग होकर बने उत्तराखंड में पिछले दो दशकों से कांग्रेस पार्टी का प्रमुख चेहरा रहीं, डॉ. इंदिरा हृदयेश राज्य में विपक्ष की कद्दावर नेता थीं. धीर-गंभीर अंदाज और राजनीतिक परिपक्वता की वजह से विपक्षी नेता भी उनका सम्मान करते थे. कांग्रेस पार्टी के नेताओं ने उत्तराखंड की इस दिग्गज राजनेता के निधन पर शोक जताया है. दिल्ली में उनके निधन की खबर आने के बाद कांग्रेस नेता अल्का लांबा, अनिल चौधरी, सरल पटेल समेत कई नेताओं ने डॉ. हृदयेश की मृत्यु पर शोक व्यक्त किया है.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष अनिल चौधरी ने डॉ. हृदयेश के अचानक निधन पर शोक व्यक्त करते हुए ट्वीट किया कि इस मुश्किल घड़ी में मैं उनके परिजनों के साथ हूं. ईश्वर डॉ. हृदयेश की आत्मा को शांति प्रदान करे. दिल्ली कांग्रेस की नेता अल्का लांबा ने अपने ट्वीट में डॉ. इंदिरा हृदयेश की असामयिक मृत्यु को दुखद बताया है.

दिल्ली आने से पहले शनिवार को डॉ. हृदयेश ने कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन के तहत हल्द्वानी में महंगाई के खिलाफ प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. उत्तराखंड में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर पार्टी के रणनीतिक अभियान का वह प्रमुख हिस्सा थीं. इसी के मद्देनजर दिल्ली में होने वाली बैठक में भाग लेने के लिए वह शनिवार को यहां आई थीं. कांग्रेस के उत्तराखंड प्रभारी देवेंद्र यादव ने आज उनके निधन की जानकारी दी. यादव ने कहा कि दिल्ली के उत्तराखंड सदन में डॉ. हृदयेश ने अंतिम सांसें लीं.


बता दें कि वह दिल्ली में कांग्रेस संगठन की बैठक में शामिल होने गईं थीं। जहां रविवार की सुबह उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई। इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां उनका निधन हो गया। 

कुछ समय पहले ही नेता प्रतिपक्ष कोरोना से उभरी थीं और उनकी हार्ट संबंधी सर्जरी भी हुई थी। उनके बेटे सुमित भी दिल्ली पहुंच रहे हैं।