देहरादून

धर्मपुर विधानसभा में जहां अभी तक अन्य दलों के संभावित प्रत्याशी कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। वहीं भाजपा में ही विधायक विनोद चमोली को युवा चेहरा पहाड़ी प्रजा मंडल के अध्यक्ष एवं भाजपा नेता बीर सिंह पंवार की दावेदारी चमोली को कड़ी चुनौती देते नजर आ रहे हैं । पंवार की सक्रियता से वर्तमान विधायक विनोद चमोली के माथे पर चिंता की लकीरें साफ दिखाई दे रही हैं। जहां एक ओर वर्तमान विधायक विनोद चमोली को लेकर लोगों का मानना है कि वे अहंकार की चासनी में पूरी तरह से डूबे हुए हैं, और किसी से भी सीधे मुंह बात नहीं करते। उससे कार्यकर्ता और जनता मेंउनके प्रति खासे नाराजगी दिखाई दे रही है। धर्मपुर की जनता बदलाव के मूड में दिखाई दे रही है। धर्मपुर विधानसभा मतदाताओं की दृष्टि से प्रदेश की सबसे बड़ी विधानसभा है । जहां 50% से ऊपर पहाड़ी मतदाता रहते हैं। जिनको विधायक विनोद चमोली अभी तक अपनी सबसे बड़ी ताकत मानते रहे हैं । वही पहाड़ी समाज आज उनसे खास नाराज दिखाई दे रहा है । साथ ही वर्तमान विधायक से मूल कार्यकर्ता भी नाराज़ हैं ।

उनकी कार्यप्रणाली से मूल कार्यकर्ता घर पर आराम फरमा रहे हैं। कुछ वरिष्ठ और संघ पृष्ठभूमि के कार्यकर्ताओं से बातचीत के दौरान पता चला कि विधायक चमोली कार्यकर्ताओं में गुटबाजी को हवा देकर कार्यकर्ताओं को लड़ाने भिड़ाने का काम करते हैं चरण वंदना करने वाले कार्यकर्ता को ही वे तवज्जो देते हैं। इसलिए मूल संगठन भी आज उनके साथ खड़ा नहीं दिखाई दे रहा है। विधानसभा में निवास करने वाले बरिष्ठ और संघ पृष्ठभूमि के लोग भी चमोली के अड़ियल रवैए से नाराज़ हैं ।उनका एक समुदाय विशेष के क्षेत्र में ‌ही ध्यान‌दे रहे हैं साथ ही रोहिंग्या मुसलमानों के मददगार होने‌ का आरोप उन पर लगता रहता है । विधानसभा क्षेत्र में काम की बात करें तो कोई ऐसी उपलब्धि उनके नाम नहीं रही जिससे कि लोग उन्हें याद करें ।विधायक निधि में जो सड़क बनती है वह बनती बाद में है टूट पहले जाती है। इसके अलावा जैसे उम्मीद उनसे पिछले चुनाव के समय की जा रही थी उस पर वह खरा नहीं उतर पाए। चुनाव से पहले जो उन्होंने बड़े-बड़े वादे किए थे, उनमें एक भी पूरा नहीं कर पाए । लोग कहते हैं कि जब पिछले चुनाव में वोट मांगने आए थे तो उन्होंने कहा था कि वह राज्य आंदोलनकारी हैं और राज्य के हित के अलावा अपनी विधानसभा के महत्वपूर्ण मुद्दों को लेकर विधानसभा में एक बुलंद आवाज बनेंगे। विधानसभा को हिला देंगे। लेकिन साढे 4 साल में ऐसा कुछ नहीं दिखाई दिया। और तो और वह एक भी प्रश्न विधानसभा में नहीं लगा पाए। ना ही राज्य आंदोलनकारीयों‌ की पीड़ा को विधानसभा में रख पाए। विधानसभा में उनकी खामोशी से विकास के प्रति उनकी उदासीनता देखी गई ‌ ।

कोरोना संकट के दौरान भी जहां ‌अन्य विधायक अपनी-अपनी विधानसभा में असहाय, गरीब लोगों की मदद कर रहे थे। वहीं विधायक चमोली दूसरे के चुले में अपनी करछी‌ हिलाते नजर आए। और ऐसा लग रहा था कि मानो वह फोटो सेशन करने आए हों। इसके अलावा सरकार ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए सभी विधायकों को एक एक करोड़ की धनराशि अपनी अपनी विधानसभाओं में ‌ मेडिकल सुविधाओं पर खर्च करने के लिए दी थी । राजधानी के अन्य विधायकों ने अपनी अपनी विधानसभा में कोविड महामारी से निपटने में खर्च किए । वहीं धर्मपुर विधायक विनोद चमोली अपने विधानसभा में इस महामारी से निपटने के लिए सरकार द्वारा जो एक करोड़ दिए थे‌ उनमें चमोली दस लाख की धनराशि भी खर्च नहीं कर पाए ।

आज उनकी स्थिति का आंकलन किया जा सकता है। जहां जनता का विश्वास उनके खिलाफ जाता नजर आ रहा है साथ ही भाजपा के वरिष्ठ और संघ पृष्ठभूमि के कार्यकर्ताओं की नाराजगी भी उनको झेलनी पड़ेगी। पिछली बार भले ही धर्मपुर विधानसभा की जनता बदलाव के मूड में थी। साथ ही प्रदेश में मोदी लहर ने‌ उनकी नैया को पार लगाने में मदद की । लेकिन इस बार ऐसा संभव नहीं दिखाई दे रहा है।
वहीं दूसरी ओर भाजपा से टिकट की दावेदारी करने वाले युवा साफ सुथरी छवि ‌के‌ बीर सिंह पंवार जो एक समाजसेवी के रूप में भी काम करते हैं। को अक्सर लोगों के सुख- दुख में हमेशा खड़े दिखाई देते हैं। युवाओं के बीच में अच्छी पैठ बनाए हुए हैं। तो वहीं मातृशक्ति का आशीर्वाद भी उनके साथ स्पष्ट दिखाई दे रहा है। लगातार विधानसभा में उनकी सक्रियता बनी हुई है। पिछले 10 साल से जिस तरह से उन्होंने अपनी एक अलग पहचान बनाई ,उससे विधायक विनोद चमोली की बौखलाहट साफ दिखाई दे रही है। पिछले साल कोविड-19 संकट के दौरान गरीब, असहाय जरूरतमंद लोगों की मदद में पंवार जिस तरह निस्वार्थ भाव से खड़े दिखाई दिए उससे जनता में उनकी छवि और निखरी । 2 महीने तक मोदी कीचन के माध्यम से प्रत्येक दिन पंद्रह सौ लोगों को भोजन कराने के साथ ही भाजपा द्वारा जगह-जगह जो मोदी कीचन चलाए जा रहे थे वहां भी कई जगह राशन दी। असहाय लोगों के घरों में राशन और पैसों से भी‌ मदद की । इसके अलावा इस साल कोविड महामारी में ‌उन्होंने जरूरतमंदों को मेडिकल किट भी घर घर पहुंचाने का काम किया। साथ ही हमेशा जरूरत मंद लोगों के साथ खड़े नजर आते हैं। पंवार की सबसे बड़ी ताकत उनका व्यवहार ,सरल स्वभाव ,पहाड़ी चेहरा ,उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी ,लंबे समय से विद्यार्थी परिषद से जूड़े रहे हैं ‌हर समय‌ जरुरतमंद‌ और क्षेत्र की समस्याओं के लिए खड़े दिखाई देती हैं ।अक्सर यह दिखाई देता है कि लोग अपनी समस्या को लेकर विधायक की जगह पंवार के पास जाते हैं । इसका फायदा उन्हें मिलता दिखाई दे रहा है । जनता का जो प्यार और विश्वास पंवार के सिर पर दिखाई दे रहा है। इस समय हवा उनके अनुकूल दिखाई दे रही है । और युवा शक्ति मातृशक्ति जिसके साथ खड़ी हो तो उसको रोक पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन भी है।