केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक द्वारा गुरुवार को मई में 10 वीं और 12 वीं बोर्ड परीक्षा आयोजित करने की घोषणा को स्कूल प्रबंधन और अभिभावकों ने सराहा और इसे एक संतुलित निर्णय करार दिया। कोविड -19 से उत्पन्न स्थिति के बाद, कक्षाएं न चलने और केवल ऑनलाइन पढ़ाई होने के कारण अभिभावकों व छात्र दोनों में यह जिज्ञासा थी कहीं परीक्षा भी ऑनलाइन ही न हो लेकिन सरकार ने पहले ही यह स्पष्ट कर दिया था कि परीक्षा ऑनलाइन नहीं होगी। अभिभावक रमेश सिंह ने बताया कि मेरी बेटी 12 वीं में है मैं चिंतित था कि अगर फरवरी से परीक्षा आयोजित की जाती है, तो उसे बहुत परेशानी होगी। हमें यह भी डर था कि कोरोना फरवरी तक खत्म नहीं होगा। अब यह परीक्षा मई में होगी, तब तक सरकार छात्रों को वैक्सीन भी लगा सकती है। इससे हमारी चिंता कम हो गई है।

Palak Mittal का कहना है कि मेरी बेटी कक्षा 12 की परीक्षा देगी। मई में परीक्षा होने और जुलाई में परीक्षा परिणाम आने से कोई परेशानी नहीं है। लॉकडाउन और बाद में ऑनलाइन अध्ययन के कारण बेटी बेहतर अध्ययन नहीं कर पाई है। ऐसे में अब परीक्षा मई में होगी, तब बेटी को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय मिल गया है।

1,500 निजी स्कूलों का संगठन, एक्शन कमेटी ऑफ अनएडेड प्राइवेट स्कूल के जनरल सेक्रेटरी भरत अरोड़ा का कहना है कि केंद्रीय शिक्षा मंत्री और सीबीएसई का यह फैसला रणनीति योजना के तहत लिया गया है। मई के पहले सप्ताह तक, छात्रों और शिक्षकों को परीक्षा के लिए पर्याप्त समय मिलेगा। यह फैसला सभी के हित में है। छात्र परीक्षा की तारीख का इंतजार कर रहे थे। हम इस संतुलित निर्णय के लिए शिक्षा मंत्री को धन्यवाद देते हैं।