पर्वतीय क्षेत्रों में रात के समय पड़ने वाला पाला मछलियों के लिए घातक साबित हो रहा है। पाला गिरने के कारण नरियाल गाँव में स्थित मत्स्य पालन के दो तालाबों का पानी पूरी तरह से जम गया है। इसके कारण, केंद्र के तालाब में पल रहीं करीब दो हजार छोटी मछलियां मर गईं।इन मछलियों को मछुआरों को वितरित किया जाना था। लेकिन इससे पहले ही वह सर्दी का शिकार हो गई।
इन दिनों पहाड़ी इलाकों में जमकर पाला गिर रहा है। इसके कारण लोगों को ठंड का सामना करना पड़ रहा है। इसके अलावा मछलियों की मौत का कारण भी बन रहा है। गुरुवार की रात को, नारियालगाँव में मत्स्य प्रजनन केंद्र में स्थित दो मत्स्य पालन तालाबों का पानी पाला गिरने से जम गया।
इसके कारण तालाब में पल रही करीब दो हजार मछलियों की मौत हो गई। जिला मत्स्य प्रभारी संजीव कुमार ने बताया कि इस केंद्र के चार तालाबों में लगभग 30 हजार छोटी मछलियाँ डाली गई थीं, जिन्हें मछुआरों को वितरित किया जाना था। गुरुवार को पाले के कारण चार में से दो तालाब पूरी तरह से जम गए थे।
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