IIT रुड़की के वैज्ञानिक द्वारा डिजाइन किया गया मोबाइलन ऐप हरिद्वार कुंभ की भीड़ को नियंत्रित करने में बहुत प्रभावी साबित हो सकता है। ट्रैकर नाम का यह एप REAL TIME में भीड़ ही नहीं बल्कि हर एक व्यक्ति को track कर सकता | इसके जरिए यह भी पता लगाया जा सकता है कि हरकी पैड़ी की तरफ क्षमता से अधिक कितनी भीड़ पहुंच रही है। ऐप की विशेषताओं में यह भी शामिल है कि कितने लोग कुंभ क्षेत्र में पहुँचे और वे कहाँ इकट्ठे हुए। इसके अलावा, स्नान करने के बाद, कितने लोग कुंभ क्षेत्र से लौट आए हैं।
हरिद्वार कुंभ में पुलिस प्रशासन के लिए भीड़ नियंत्रण सबसे बड़ी चुनौती है। कुंभ में बिना किसी बाधा के सुरक्षित रहने के लिए क्राउड मैनेजमेंट ने SYSTEM बनाने पर जोर दिया गया है। IIT सिविल विभाग के वैज्ञानिक Pro. Kamal Jain ने Tracker नाम का एक मोबाइल ऐप बनाया है, जिसके जरिए कुंभ का क्राउड मैनेजमेंट बेहतर ढंग से किया जा सकता है।
ऐप की विशेषताओं के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि यह लोकल मैनेजमेंट में बेहतर कारगर होगा | इसमें जीपीएस, डाटा को एनालिसिस कर बताता है कि प्रत्येक व्यक्ति की उस समय की लोकेशन कहां है। मेन सर्वर को इस बात की जानकारी मिलेगी कि किस प्वाइंट पर कितने लोग हैं।
ऐप डाउनलोड करने वाले व्यक्ति को अपने मोबाइल पर भी जानकारी मिल जाएगी कि कहां ज्यादा भीड़ है। उन्होंने बताया कि इस ऐप ने परीक्षण के दौरान बेहतर परिणाम दिए हैं। इसके बाद इस एप का पेटेंट भी कराया गया है। ऐसे में यह कुंभ जैसे Big events में काफी कारगर साबित हो सकता है।
ऐप गूगल मैप से कैसे अलग है
Google मैप सड़क पर चलने वाले वाहनों की ट्रैकिंग करता है, लेकिन IIT वैज्ञानिक द्वारा डिज़ाइन किया गया ऐप एक स्थान पर खड़े व्यक्ति को भी ट्रैक करेगा। तो यह एक स्थान पर एकत्रित भीड़ को भी दिखाएगा जबकि Google मैप सड़क पर यात्रा करते समय ट्रैफिक को दर्शाता है। कई बार यह भी अनुभव में आता है कि जहाँ अधिक भीड़ और जाम के लिए रेड लाइन दिखाता है,वहाँ सड़क पर अधिक भीड़ नहीं होती है, लेकिन ट्रैकर ऐप विभिन्न बिंदुओं पर भीड़ की सटीक जानकारी देगा।
कोरोना पॉजिटिव और संपर्क करने वाले लोग भी जानकारी देंगे
सीमा या अन्य जगहों पर बाहर से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच रिपोर्ट में एक या दो दिन का समय लगता है। अगर किसी व्यक्ति की रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो उसे ट्रेस करना मुश्किल है, लेकिन इस ऐप से उसकी करंट लोकेशन भी पता चल जाएगी। इसके साथ ही, वह इस बारे में भी जानकारी प्राप्त करेगा कि वह किसके संपर्क में आ रहा है। अभी तक कोविड के लिए ट्रेसिंग के जो एप उपलब्ध हैं, उसमें संपर्क में आए लोगों की सही जानकारी नहीं मिल पाती है, लेकिन इस एप से यह संभव होगा।
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