नैनबाग :

जैसे जैसे 2022 का रण नजदीक आ रहा है उत्तराखंड की राजनीति में कुछ न कुछ नया देखने को मिलेगा। कोई नेता पाला बदलेगा तो कोई कोप भवन में जाएंगे !
आज बात कर रहा हु उत्तराखंड के धनोल्टी विधान सभा की जहा की इस बार 2022 का रण काफी दिलचस्म हो सकता है। दोनों राष्ट्रीय पार्टियों में से काफी दावेदार है और उनमेसे एक कांग्रेस पार्टी से दावेदार डॉ वीरेंदर सिंह रावत भी है वो अब तक राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय ग्राम पाँव, नैनबाग, जौनपुर टिहरी गढ़वाल में चिकित्साधिकारी की पोस्ट पर तैनात थे और इन्होने त्यागपत्र दे दिया है और अब राजनीती में अपनी नई पारी की सुरुवात करने जा रहे है। वैसे ये क्षेत्र की समस्याओ को लेकर हमेशा प्रयासरत रहते है। प्रदेश कांग्रेस में इनकी पकड़ काफी अच्छी मानी जाती है, जिसके बाद इन्होने ये कदम उठाया है।

कौन है डॉ वीरेंदर सिंह रावत :
डॉ वीरेंदर सिंह रावत धनोल्टी विधान सभा के अंतरगत जौनपुर ब्लॉक के ग्राम टटोर के रहने वाले है। इनके पिता स्वर्गीय श्री सरदार सिंह रावत थे जिनको की जौनपुर में विकास पुरुष के नाम से जाना जाता है, और उत्तराखंड कांग्रेस के बड़े नेताओ में उनकी गिनते होती थी ।
प्राम्भिक शिक्षा के बाद इन्होने Bachelor of Medical Science (BMS) की पढाई करने के प्रदेश में अपनी सेवाएं देने लगे।

काफी साल सेवा देने के उपरांत इनको लगा की अब वो समय आ गए जब इनके पिता स्वर्गीय श्री सरदार सिंह रावत की सपनो को साकार किया जा सकता है, इसलिए इन्होने राजकीय सेवाओं से त्यागपत्र दे कर जनता की सेवा करने की ठानी है। अब वो अपने पिता के पद-चिह्नों पे चलके समाज की सेवा करने जा रहे है।

उन्होंने बताया के मेरे पिता स्वर्गीय श्री सरदार सिंह रावत का सपना था की में भी राजनीति में आऊं परतु उस समय पारिवारिक जिम्मेदारी होने के कारण नही आ सका परन्तु अब में राजनीति में आकर उनके सपने को साकार कर जनता के सेवा करूँगा।
उन्होंने त्यागपत्र दे कर अपने उन तमाम आलोचकों के मुँह पे तमाचा मारा है और कहा है में अब तन मन धन से जनता की सेवा करूँगा। मेरा प्रयाश ये रहेगा की जो सपना जौनपुर के विकास का मेरे पिताजी का अधूरा रह गया है में उसको पूरा करने की कोशिश करूँगा।

इनके इस कदम से पार्टी कार्यकर्ताओ में काफी जोश है और सब लोग सोसाइल मीडिया के माध्यम से बधाई सन्देश भेजे जा रहा है।