चिंताजनक : उत्तराखंड में शनिवार को कोरोना के 483 नए मरीज मिले। इसके साथ ही अब कुल मरीजों की संख्या 14566 हो गई है। 345 मरीजों को इलाज के बाद अस्पतालों से डिस्चार्ज किया गया। जबकि तीन संक्रमित मरीजों की मौत हो गई।

आज स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी हेल्थ बुलेटिन के अनुसार हरिद्वार में 133, नैनीताल में 97, यूएस नगर में 81, देहरादून में 82, अल्मोड़ा में 19, बागेश्वर में 2, चमोली में 4, चम्पावत में 1, पौड़ी में 3, पिथौरागढ़ में 5, रुद्रप्रयाग में 12, टिहरी में 3, और उत्तरकाशी जिले के 41 लोगों में कोरोना संक्रमित मिले।

एम्स ऋषिकेश में भर्ती 2 जबकि हल्द्वानी मेडिकल कॉलेज में भर्ती 1 कोरोना संक्रमित मरीज की मौत हो गई। बुलेटिन के अनुसार राज्य में संक्रमित होने के बाद कुल 195 लोगों की मौत हुई है।

उधर शनिवार को राज्य के विभिन्न जिलों से सात हजार के करीब सैंपल जांच के लिए लैब भेजे गए हैं। 1262 सैंपल यूएस नगर जबकि 1016 सैंपल हरिद्वार जिले से भेजे गए हैं।
उत्तराखंड में कोरोना संक्रमण के मामले लगातार बढ़ते जा रहे है और ये चिंता का कारण है। जिस प्रकार यहाँ पर कोरोना का प्रकोप बढ़ रहा है उससे प्रशाशन की चिंताए बढ़ने लगी है।

आठ हजार से अधिक सैंपलों की रिपोर्ट आई जबकि 13837 सैंपलों की जांच होना अभी बाकी है। राज्य में कोरोना मरीजों के दोगुना होने की दर 27 दिन जबकि संक्रमण दर 5.18 प्रतिशत है। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए पूरे राज्य में 340 कंटेनमेंट जोन बनाए गए हैं।

कोरोना के मरीजों की संख्या बढ़ने के कारण आज मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने समीक्षा की। कोविड-19 पर प्रभावी नियंत्रण के लिए अस्पतालों में आवश्यक संसाधन बढ़ाये जाय। टेस्टिंग और अधिक बढ़ाने की जरूरत है। दूरस्थ क्षेत्रों से टेस्टिंग लैब में सैंपल भेजने में देरी हो रही है, हेलीकॉप्टर से भी भेज सकते हैं। यह सुनिश्चित किया जाय की टेस्टिंग में देरी न हो। सर्विलांस सिस्टम मजबूत किया जाय। मुख्यमंत्री श्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में स्वास्थ्य विभाग एवं जिलाधिकारियों को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से निर्देश दिये। मुख्यमंत्री ने कोरोना योद्धाओं के लिए बनाये गये ‘चिकित्सा सेतु’ मोबाईल एप्प लांच किया। इस मोबाईल एप्प को डॉक्टर, पैरामेडिकल स्टाफ, नर्स, सुरक्षा कर्मी पुलिस तथा कोरोना ड्यूटी में लगे अधिकारियों एवं कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए बनाया गया है। इस अवसर पर होम आइसोलेशन पर बनाये गये एप्प आरोग्य रक्षक के बारे में प्रस्तुतीकरण भी दिया।
सचिव स्वास्थ्य श्री अमित नेगी ने कहा कि हाई रिस्क क्षेत्र से आने वाले लोगों, माइग्रेन्टर, को-मॉर्बिड की शत प्रतिशत सैंपलिंग की जाय। सर्विलांस की एक्टिविटी पर गंभीरता से ध्यान दिया जाय। आईसीयू, आक्सीजन सपोर्ट बैड एवं अन्य आवश्यक सामग्रियों की पूर्ण उपलब्धता रखी जाय। जिलाधिकारी कुछ प्राइवेट हॉस्पिटल भी चिन्हित कर लें, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इन अस्पतालों में टेंस्टिंग की जा सके और लोगों का ईलाज हो। प्रत्येक जनपद में एक ऐसा सेंटर बनाया जाय जहां पर हाई रिस्क क्षेत्र एवं बाहर से आने वालों की सैंपलिंग हो सके। कोविड केयर सेंटर में खाने, रहने एवं स्वच्छता का विशेष ध्यान रखा जाए। पेशेंट को हॉस्पिटल लाने के लिए एम्बुलेंस एवं अन्य संसाधनों की पर्याप्त व्यवस्था रखी जाय।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के आईटी सलाहकार श्री रविन्द्र दत्त, सचिव डॉ. पंकज पाण्डेय, श्री एस.ए. मुरूगेशन, डीजी स्वास्थ्य डॉ. अमिता उप्रेती, आईजी श्री संजय गुंज्याल, वीडियों कांफ्रेंस के माध्यम से कमिश्नर गढ़वाल श्री रविनाथ रमन, कमिश्नर कुमांयू श्री अरविन्द सिंह ह्यांकी, सभी जिलाधिकारी एवं सीएमओ उपस्थित थे।