Dehradun : Pahaadnews Team मजेदार किस्सा

फायरमैन मनीश पन्त को राष्ट्रीय स्तर पर राइज इण्डिया अवार्ड मिल चुका है एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “शाइनिंग वर्ल्ड केयर अवार्ड ” से सम्मानित किया गया है।

जरूरतमंद व्यक्तियों को लॉकडाउन की अवधि में ऑपरेशन संजीवनी के माध्यम से निशुल्क दवाइयां उपलब्ध कराने वाले राष्ट्रीय अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित दून पुलिस के फायरमैन मनीष पंत के साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय द्वारा भेट की गई । मनीष पंत के द्वारा किए गए सराहनीय कार्य के लिए वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा शाबाशी दी गई व भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी गई।

जनपद में नियुक्त फायरमैन मनीष प्रसाद पंत, जो वर्तमान में फायर स्टेशन देहरादून में नियुक्त है, के द्वारा कोविड-19 महामारी के दौरान जरूरतमंद व्यक्तियों तक जीवन रक्षक दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिये आपरेशन संजीवनी प्रारम्भ किया गया था तथा कई जरूरतमंद व्यक्तियों तक लाॅक डाउन की अवधि में दवाइयों की उपलब्धता सुनिश्चित करायी गयी थी। फायरमैन मनीष प्रसाद पंत द्वारा किये गये सराहनीय कार्यों के लिये उन्हें राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया है। फायरमैन मनीष की इस उपलब्धि तथा लाॅक डाउन के दौरान उनके द्वारा किये गये सराहनीय कार्यों की प्रशंसा करते हुए आज दिनांक 08-01-2021 को वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून महोदय द्वारा उन्हें पुलिस कार्यालय में भेंट उन्हें अपनी शुभकामनाएं दी तथा भविष्य भी इसी तत्परता से आम जन-मानस की सहायता करने की अपेक्षा की गयी।

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फायरमैन मनीष प्रसाद पन्त के अनुसार दिनांक 22.03.2020 को जनता कर्फ्यू के दिन देहरादून में रहने वाली एक महिला का बी0पी0 अचानक बढ जाने से उनके परिजनों का फोन आने पर उनके द्वारा उक्त महिला को दवाई पहुंचाई गई। इसके बाद उन्हें ऐसा लगा कि कई ऐसे लोग होगें, जिन्हें दवाईयां की आवश्यकता होगी तथा उनके परिजन उनके पास नहीं होगें तथा लाॅकडाउन की स्थिति में उनका बाहर निकलना सुरक्षित नहीं है। तत्पश्चात 23 मार्च 2020 को फेसबुक के माध्यम से उनके द्वारा ऑपरेशन संजीवनी प्रारम्भ किया गया। जिसके अन्तर्गत अनुरोध किया गया कि जिन लोगों को दवाईयों की आवश्यकता है, वह लोग उन्हें मैसेज के माध्यम से अवगत करा सकते हैं। उनकी उक्त पोस्ट वायरल हुई तथा इसे 530 से अधिक बार शेयर किया गया एवं लोगों के मैसेज आने प्रारम्भ हो गये तथा उनके द्वारा लोगों को दवाईयां पहुंचानी प्रारम्भ की गई। देहरादून शहर के अन्तर्गत दवाईयां पहुंचाना कोई मुश्किल कार्य नहीं था परन्तु देहरादून के दूरस्थ पहाडी क्षेत्रों तक दवाईयां पहुंचाना चुनौती पूर्ण था। जिसमें उच्चाधिकारियों से अनुमति के पश्चात सरकारी वाहन से स्वयं दवाईयां पहुंचाई गई।
इस दौरान मनीश प्रसाद द्वारा प्रथमतः अपनी धनराशि से ही दवाईयां खरीदी गई। धन की व्यवस्था कोई अवरोध न बने इसके लिए इनके द्वारा अपनी एल0आई0सी0 एवं यूलिप पाॅलिसी की किश्तें भी नहीं भरी गई तथा 01 मई को होने वाले स्वयं के विवाह को भी अग्रिम तिथियों तक टाल दिया गया। इस दौरान उनके द्वारा देहरादून निवासी लोगों को अपने निजी वाहन से 05 बार डायलसिस हेतु भी हाॅस्पिटल लाया-ले जाया गया।

अन्य जनपदों के व्यक्तियों द्वारा दवाईयां पहुंचाने के अनुरोध पर लाकडाउन की स्थित में अन्य जनपदों तक दवाईयां पहुंचाना भी एक दूरूह कार्य था, परन्तु फायरमैन द्वारा हिम्मत से कार्य लिया गया एवं दवाइंयो को एकत्र कर प्रेस, राशन के वाहन एवं जो व्यक्ति पास लेकर जा रहे थे, उनसे दवाईयों को भिजवाने का कार्य प्रारम्भ किया गया तथा जनपदों में नियुक्त अन्य पुलिसकर्मियों का सहयोग लिया गया। जिनके सहयोग के माध्यम से दवाईयां पहुंचाना प्रारम्भ किया गया।
फायरमैन मनीष प्रसाद द्वारा निजी प्रयासों से देहरादून एवं उत्तराखण्ड के अतिरिक्त अपने मित्रों के सहयोग के माध्यम से चंढीगढ, लुधियाना जैसे स्थानों पर किराये में रह रहे 20 लोगों तक निजी खर्चे से राशन पहुंचाया गया।


23 मार्च 2020 से प्रारम्भ इस आपरेशन ने तब तक कोई विराम नहीं लिया जब तक सार्वजनिक वाहन चलने प्रारम्भ नहीं हो गये। अपनी ड्यूटी के अतिरिक्त फायरमैन मनीश प्रसाद द्वारा चलाये जा रहे आपरेशन संजीवनी के कार्य में तमाम तरह की चुनौतियां थी। जैसे वही दवाईयां एकत्र करना जो कि डाॅक्टर के पर्चे पर लिखी हो, उनकी पुष्टि करना एवं उनको सही प्रकार से पैक कर उन लोगों तक पहुंचाना, तत्पश्चात जिन व्यक्तियों तक दवाईयां पहुंची, उनसे यह पुष्टि करना कि यह वही दवाईयां है, जिनको वो ले रहे हैं। एक भी गलती किसी के जीवन पर भारी पड़ सकती थी। प्रथमतः इस कार्य में आर्थिक बोझ स्वयं ही वहन करना था, एक बार उन व्यक्तियों तक दवाईयां पहुंच जाएं, उनके द्वारा तभी भुगतान किया जाना था। कई व्यक्ति जिनकी आर्थिक स्थिति सही नहीं थी, उनसे दवाईयों की धनराषि भी नहीं ली गई तथा ऐसे व्यक्तियों तक राशन भी पहुंचाया गया। कुछ व्यक्तियों द्वारा दवाईयां स्वयं ही ली गई थी परन्तु वे परिजनों तक उन दवाईयों को नहीं पहुंचा पा रहे थे, जिनको कि फायरमैन मनीश प्रसाद द्वारा पहुंचाया गया।

फायरमैन के द्वारा जनपद देहरादून के अतिरिक्त जनपद उत्तरकाशी, टिहरी, पौडी, रूद्रप्रयाग, चमोली, पिथौरागढ, नैनीताल, पिथौरागढ जनपदों तक दवाईयां पहुंचाई। फायर मैन द्वारा खर्च की गई धनराषि से अधिकतर राषि उन्हें वापस प्राप्त हो गई बाकी धनराशि को फायरमैन द्वारा समाज के जरूरतमंद लोगों हेतु समर्पित किया गया। इस कार्य में उच्चाधिकारियों, प्रेस, आवश्यक सामग्री के वाहनों एवं विभिन्न जनपदों में नियुक्त पुलिस कर्मियों का पूर्ण सहयोग रहा है। अभी तक उक्त फायरमेैन द्वारा उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों के 120 से अधिक लोगों तक दवाइयों को पहुंचाया गया है एवं मीडिया द्वारा उन्हे मेडिसिन मैन कहा जा रहा है। भारत सरकार द्वारा भी ट्विटर के माध्यम से इस कार्य की सराहना की गई है। फायरमैन मनीश पन्त को राष्ट्रीय स्तर पर राइज इण्डिया अवार्ड मिल चुका है एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर “शाइनिंग वर्ल्ड केयर अवार्ड ” से सम्मानित किया गया है।