मसूरी , PAHAAD NEWS TEAM

मसूरी वन प्रभाग ने विश्व वानिकी दिवस पर रविवार को मसूरी के पास भटोली गांव की 26 महिलाओं को सम्मानित किया, जिन्होंने बंजर भूमि को बांज के जंगल में बदल दिया। इन महिलाओं ने दो हेक्टेयर बंजर भूमि को जंगल में बदलने के लिए वर्षों तक काम किया। इस दौरान महिलाओं ने आकर्षक तांदी नृत्य भी किया।

सम्मान समारोह मसूरी-चकराता राजमार्ग पर स्थित भटोली गांव में आयोजित किया गया था। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित आकाशवाणी नजीबाबाद की संगीत निर्देशक माधुरी बत्र्वाल ने गीतों के माध्यम से पेड़-पौधों को नुकसान नहीं पहुंचाने का संदेश दिया। साथ ही बंजर भूमि में बांज का जंगल उगाने वाली महिलाओं की प्रशंसा करते हुए कहा कि पहाड़ की महिलाएं अपने परिवार की धुरी होती है , इसलिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि उत्तराखंड की लोक संस्कृति यहां के लोक गीतों में स्पष्ट झलकती है। विवाह समारोहों आदि में, उन्होंने चांचरी गीतों को नहीं बजाने की अपील की।

प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी कहकशां नसीम ने बांज का जंगल को विकसित करने और 22 साल तक बच्चों की तरह इन पेड़ों की देखभाल करने के लिए महिलाओं की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि हमें भटोली गांव की महिलाओं से सीख लेकर इस तरह के वनीकरण को प्रोत्साहित करना चाहिए। पर्यावरण के संरक्षण के लिए निरंतर प्रयास होने चाहिए। उन्होंने बताया कि मसूरी वन प्रभाग ने एक ईको विकास समिति का गठन किया है, जिसमें इस तरह के कार्यों को बढ़ावा दिया जाएगा।

वन अधिकारी कैम्पटी नीलम बत्र्वाल, वन क्षेत्राधिकारी मसूरी वन्य जीव विहार डॉ. शिप्रा वर्मा, जौनपुर प्रधान संगठन के अध्यक्ष सुंदर सिंह, भटोली की प्रधान सरोज भंडारी, सूरत सिंह बत्र्वाल, घंडियाला के प्रधान श्रीपाल सिंह, वन पंचायत सरपंच महेंद्र सिंह समारोह में उपस्थित रहे ।