देहरादून से PAHAAD NEWS TEAM

इस वर्ष गणतंत्र दिवस के अवसर पर राज्य में कोई भी कैदी रिहा नहीं किया जाएगा। जेल प्रशासन ने इस संबंध में सरकार को कोई प्रस्ताव नहीं भेजा है। यह इतना महत्वपूर्ण है कि कैदियों को परिहार (सजा अवधि में छूट) के 42 मामले राजभवन को भेजे गए हैं।  (PAHAAD NEWS TEAM)

राज्य में हर साल, गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर कैदियों को रिहा किया जाता है। इनमें ऐसे कैदी शामिल होते हैं, जिनकी सजा समाप्त होने वाली है। जेल में गंभीर रूप से बीमार और अच्छे व्यवहार वाले कैदियों को भी इस संबंध में गठित समिति की सिफारिश पर रिहा किया जाता है। हर साल गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस पर लगभग 25 से 30 कैदियों को रिहा किया जाता है। यह अभ्यास पिछले साल स्वतंत्रता दिवस पर टूट गया था। स्वतंत्रता दिवस के दौरान न तो कैदियों को रिहा किया गया और न ही इन्हें परिहार दिया गया। दरअसल, स्वतंत्रता दिवस पर जेल प्रशासन ने जेलों में बंद कैदियों की सूची रिहाई और परिहार माफी के लिए शासन को सौंपी थी। सूची में 60 से अधिक कैदियों की रिहाई की सिफारिश की गई थी। राजभवन ने कैदियों के खिलाफ दर्ज मामलों के बारे में विस्तृत जानकारी के अभाव का हवाला देते हुए संबंधित पत्र वापस कर दिया। तब कैदियों की रिहाई के लिए मानक तय किए गए थे। यह मानक इतना सख्त था कि जेल प्रशासन द्वारा भेजे गए 240 नामों में से केवल तीन इन पर खरे उतर पाए। इस महीने तीनों को रिहा भी कर दिया गया है।  (PAHAAD NEWS TEAM)

चूंकि जनवरी में स्वतंत्रता दिवस के दौरान भेजे गए नामों का फैसला किया गया था, इस वजह से, गणतंत्र दिवस पर चर्चा के लिए कोई नया नाम नहीं बचा है। इस कारण से, जेल प्रशासन ने केवल कैदियों को सजा में छूट देने संबंधी प्रस्ताव शासन को उपलब्ध कराया। सरकार ने इनमें से 42 नामों को राजभवन संस्तुति के लिए भेजे हैं। यह जा रहा है कि गणतंत्र दिवस से पहले इन कैदियों को परिहार देने के संबंध में निर्णय ले लिया जाएगा।  (PAHAAD NEWS TEAM)