देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में चल रहे राजनीतिक भूचाल के बाद अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के भाग्य का फैसला अब आलाकमान के हाथ में है। शनिवार को देहरादून में जल्दबाजी में आयोजित कोर कमेटी की बैठक के लिए जब पर्यवेक्षक और झारखंड के पूर्व सीएम रमन सिंह दिल्ली से आए, तो राज्य महासचिव संगठन अजय कुमार ने बंगाल से देहरादून के लिए उड़ान भरी। शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को लखनऊ से देहरादून भेजा गया। देहरादून में राजनीतिक बवंडर के बीच, भाजपा ने अपने दिग्गज नेताओं को देश के विभिन्न शहरों से देहरादून पहुंचने का आदेश दिया था। शनिवार देर शाम कुछ मिनट की मुलाकात के बाद, रमन सिंह भाजपा के वरिष्ठ नेताओं और सांसदों और कैबिनेट मंत्रियों की राय लेकर वापस दिल्ली लौट गए थे। प्रदेश प्रभारी दुष्यंत कुमार की वापसी के बाद सीएम हाउस में अचानक विधायकों का जमावड़ा शुरू हो गया था ।

बैठक शाम सात बजे शुरू हुई, संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक, राज्य मंत्री धन सिंह रावत के साथ-साथ विधायक मुन्ना सिंह चौहान, राजेश शुक्ला, मुकेश कोली, शक्तिलाल शाह, हरबंस कपूर, धन सिंह नेगी और खज़ान दास और पूर्व मुख्यमंत्री विजय बहुगुणा मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को दिन भर चली राजनीतिक गहमागहमी के बीच देर शाम भाजपा विधायकों से अपने आवास पर मुलाकात की। अब हाईकमान को सीएम पर अंतिम फैसला लेना है। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसे सरकार के चार साल पूरे होने के अवसर पर प्रस्तावित कार्यक्रम की तैयारी बैठक के रूप में वर्णित किया गया था, लेकिन इसे डैमेज कंट्रोल की कोशिश माना जा रहा है। बता दें कि राजनीतिक उठापटक के बीच सांसद अनिल बलूनी और कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का नाम फिजा में है। सूत्र बताते हैं कि अगर हाईकमान मुख्यमंत्री को बदलने का फैसला करता है, तो इन दो नामों के अलावा, केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के नाम पर भी विचार कर सकते हैं।

वहीं, भाजपा का कोई भी वरिष्ठ नेता पूरे घटनाक्रम पर खुलकर बोलने से बच रहा है। भाजपा पार्टी के पदाधिकारियों का कहना है कि त्रिवेंद्र सरकार के चार साल के कार्यक्राल को भव्य रूप से आयोजित करने के लिए बैठकों का दौर चल रहा है। जबकि, कुछ अधिकारियो का कहना है कि पिछले कई वर्षों से उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्रियों के तीन पद खाली पड़े हैं। ऐसे में कोर कमेटी की बैठक के बाद सीएम त्रिवेंद्र ने कैबिनेट मंत्रियों सहित भाजपा के कैबिनेट मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और प्रस्तावित मंत्रियों के नामों पर चर्चा की। हालांकि, कोर कमेटी की बैठक के बाद डैमेज कंट्रोल करने की पूरी कोशिश की थी।