चकराता , PAHAAD NEWS TEAM

पिछले एक साल से जलसंस्थान में पेयजल लाइनों की देखरेख कर रहे संविदाकर्मियों को कोई मानदेय भुगतान नहीं हुआ है। जिसके कारण संविदाकर्मियों के सामने अपने परिवार का भरण-पोषण करना मुश्किल हो गया है। कई बार शिकायत करने से विभाग अधिकारी इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे। वॉलमैन, जो जलसंस्थान में संविदा पर थे, ने लंबित भुगतान की मांग के लिए भाजयुमो जिलाध्यक्ष के नेतृत्व में गुरुवार को जल संस्थान कार्यालय में प्रदर्शन किया।

जल संस्थान के कई संविदा कर्मी, जो चकराता ब्लॉक के विभिन्न गांवों में पेयजल लाइनों की देखरेख कर रहे हैं, पिछले एक साल से मानदेय भुगतान को भटक रहे हैं। कुछ समय पहले, जलस्थान ने प्रखंड से जुड़े त्यूणी, हनोल, कुनवा, पुनिग, हरटाड़, कथियान व अन्य क्षेत्र में ठेकेदार के माध्यम से संविदा पर वालमैन व लाइनमैन की तैनाती की । पेयजल लाइनों की देखरेख को रखे गए वालमैन को विभाग की ओर से साढ़े आठ महीने के मानदेय के भुगतान का प्रावधान है। जिसके बदले में वॉलमैन को केवल ढाई हजार का भुगतान किया जा रहा है। पिछले एक साल से निर्धारित भुगतान का भुगतान नहीं होने से दुखी होकर गुरुवार को भाजयुमो जिलाध्यक्ष संजय तोमर के नेतृत्व में क्षेत्र के कई वालमैन जल संस्थान कार्यालय पहुंचे। इस दौरान जिलाध्यक्ष संजय तोमर ने उनकी समस्या जल संस्थान अधिकारियों के सामने रखी और मांग की कि इस समस्या का जल्द समाधान किया जाए। लंबित मानदेय भुगतान की मांग करते हुए, वालमैन ने कहा कि वह लंबे समय से ग्रामीण इलाकों में लाइन की मरम्मत और पीने के पानी की व्यवस्था का काम देख रहे हैं। कुछ समय पहले तक उन्हें विभाग से भुगतान किया जा रहा था, लेकिन नई व्यवस्था के तहत उन्हें ठेकेदार के माध्यम से मानदेय का भुगतान किया जा रहा है। वालमैन ने कहा कि विभाग और संबंधित ठेकेदार ने उसे एक साल से अधिक समय से भुगतान नहीं किया है। जिससे उनके सामने परिवार के भरण पोषण की बड़ी समस्या खड़ी हो गई। कहा विभाग व ठेकेदार ने उन्हें सालभर से निर्धारित मानदेय, ईपीएफ व भत्तों का लंबित भुगतान नहीं किया। जिसके कारण उनके सामने भुखमरी की स्थिति पैदा हो गई। उक्त विभागीय अधिकारी मामले को टाल रहे हैं। जिम्मेदारों की उदासीनता और अधिकारियों के रवैये से खिन्न होकर जिलाध्यक्ष तोमर ने कहा कि अगर वालमैन का लंबित भुगतान तत्काल नहीं किया गया, तो वे आंदोलन करने से पीछे नहीं हटेंगे। इस विनोद चौहान, धनीराम, प्रेमनाथ, फतह सिंह, राकेश चौहान, खड़क सिंह, अरविद सिंह, काना सिंह, दीपक, इशांत आदि मौजूद रहे।