सितारगंज , PAHAAD NEWS TEAM

सिडकुल फेज दो की भूमि पर करीब 17 एकड़ में अवैध तरीके से गेहूं की फसल बोई गई है। अतिक्रमण के मामले में सीमांकन के संबंध में, सिडकुल प्रशासन राजस्व विभाग के अधिकारियों की जिम्मेदारी बताने के लिए अपनी जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ रहा है। इससे अतिक्रमणकारियों को बढ़ावा मिला है।

सिडकुल के निर्माण के लिए सितारगंज स्थित खुली जेल की करीब 28 सौ एकड़ भूमि दी गई है। जिन पर फैक्ट्रियां चल रही हैं। इसके बावजूद, अतिक्रमणकारियों ने सिडकुल के चरण II में अधिकांश स्वामित्व वाली भूमि पर कब्जा जमा रखा है। वर्तमान में, 17 एकड़ में, सिडकुल फेज टू के स्वामित्व वाले भूमि के एक बड़े हिस्से में अवैध कब्जेदारों ने भूमि के बड़े हिस्से में गेहूं की फसल उगाकर कुछ हिस्से की फसल को काट कर बेच भी दी हैं इस मामले में, सिडकुल प्रशासन के भूमि सर्वेक्षणकर्ता राकेश पांडे ने कहा कि पिछले साल 12 एकड़ भूमि पर फसल बोई गई थी, लेकिन इस बार नहीं। उन्होंने कहा कि अतिक्रमणकारियों ने दूसरे चरण की लगभग 17 एकड़ जमीन पर गेहूं की फसल बोई है। बताया कि नाप सही नहीं कर पाने की वजह से सर्वे ऑफ इंडिया से भूमि का सीमांकन कराया जाएगा।

छह सौ क्विंटल फसल लिया था कब्जे में पिछले साल

सिडकुल फेज टू की भूमि पर पिछले साल लाकडाउन के दौरान कब्जेदारों ने गेहूं की फसल बोई थी। जिस पर सिडकुल प्रशासन ने जिले के विभिन्न पुलिस थानों के बल की मदद से भूमि को अतिक्रमण मुक्त करवाकर उस पर बोई गई छह सौ क्विंटल गेहूं की फसल को कब्जे में ले लिया था।