देहरादून, 30 सितम्बर
बालिकाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए स्थानीय परम्परा एवं संस्कृति से जोड़ते हुए उनकी रूचि के अनुसार प्रशिक्षण एवं आत्मरक्षा हेतु प्रशिक्षित करने के भी निर्देश दिए।
बैठक में बालिकाओं को शिक्षित बनाने तथा उनको रोजगार परक कौशल विकास प्रशिक्षण दिलाये जाने के लिए प्रभावी योजना बनाने के निर्देश सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को दिए। साथ ही बालिकाओं को पढाई’-लिखाई के साथ-साथ उनकी रूचि के अनुसार व्यवासायिक एवं तकनीकि रूप से प्रशिक्षित करने तथा जो बालिकाएं आगे की पढाई करना चाहती हैं उनके लिए स्काॅलरशिप की व्यवस्था के साथ विभिन्न संस्थाओं से इस कार्य मे सहयोग लिया जाए।
शुरूआत में अनाथ एवं गरीब बालिकाओं एवं अनुसूचित जाति एवं जनजाति की बालिओं का चिन्हित किया जाएगा तथा ग्रोथ सेन्टर बनाते हुए बालिओं को तकनीकि व्यवसायिक प्रशिक्षण के साथ ही स्थानीय परम्परा, संस्कृति, कला, मांगल गायन, वाद्य यंत्र वादन, वाॅल पेन्टिंग, वाहन चलाना, मैकेनिक, डिजाईनिंग, आदि रूचि के अनुसार रोजगारपरक प्रशिक्षण दिया जायेगा, जिससे आगे चलकर उनकी आर्थिकी मजबूत हो तथा वह आत्मनिर्भर बन सके। ऑनलाइन व्यवसायिक प्रशिक्षण की भी व्यवस्था बनाने पर बल दिया तथा बालिकाओं की सुरक्षा के दृष्टिगत पुलिस के सहयोग से आत्मरक्षा का भी प्रशिक्षण दिया जायेगा।
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