देहरादून

 ऊर्जा निगम ने उत्तराखंड में बिजली की दरों में लगभग दस प्रतिशत वृद्धि करने का प्रस्ताव तैयार किया है। इसे यूपीसीएल बोर्ड की बैठक में अंतिम रूप दिया जाएगा।  यहां बोर्ड की मुहर के बाद मंजूरी के लिए उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग भेजा जाएगा। आयोग जनसुनवाई प्रक्रिया के बाद इसे फाइनल करेगा। इस बार आयोग को प्रस्ताव भेजने में एक महीने की देरी हो गई है। हर साल नंवबर अंतिम सप्ताह तक प्रस्ताव भेजा जाता था।

इस बार ऐसा नहीं हो सका है। अभी भी नई दरों के प्रस्ताव को बोर्ड के समक्ष रखने की तैयारी चल रही है। 24 दिसंबर को बोर्ड बैठक इसी प्रस्ताव को ध्यान में रखते हुए बुलाई गई है। सभी बोर्ड सदस्य प्रस्ताव की जांच करेंगे और इसे अंतिम रूप देंगे। आयोग यूपीसीएल के प्रस्ताव पर राज्य भर में सार्वजनिक सुनवाई करेगा।आम जनता, उद्योगों, कॉमर्शियल समेत सभी पक्षों से आपत्ति-सुझाव लिए जाएंगे। इसके बाद मार्च अंतिम सप्ताह में नई बिजली दरों पर अंतिम मुहर लगेगी, जो एक अप्रैल से लागू हो जाएंगी।

 सभी खर्चों की जानकारी ऊर्जा निगम द्वारा प्रतिवर्ष प्रस्ताव के रूप में आयोग को उपलब्ध कराई जाती है। आयोग की टीम इस खर्च के विवरण की जांच करती  है। यूपीसीएल के गैर जरूरी खर्चों और इंजीनियरों की लापरवाही के कारण पड़ने वाले भार का असर आम जनता के ऊपर नहीं डाला जाता। यही वजह है कि वर्ष 2020-21 आयोग के लिए, यूपीसीएल के 7.70% वृद्धि के प्रस्ताव को पूरी तरह से खारिज कर दिया गया था।

आयोग से जनता को राहत

नियामक आयोग ने जनसुनवाई के बाद 2018-19 में घरेलू उपभोक्ताओं की बिजली दरों में फेरबदल नहीं किया था। यही स्थिति वर्ष 2019-20 में भी रही। इस वर्ष मौजूदा दरों में ही कटौती कर दी गई थी। इसका लाभ राज्य के घरेलू और औद्योगिक श्रेणी के उपभोक्ताओं को दरों में कटौती के रूप में मिला था।

चोरी रुके तो सस्ती हो बिजली

राज्य में यदि बिजली चोरी पूरी तरह से रुके तो बिजली दरें सस्ती हो सकती हैं। राज्य में सालाना लाइन लॉस से ऊर्जा निगम को 900 करोड़ का घाटा होता है। यदि साढ़े 13 प्रतिशत लाइनलॉस समाप्त हो तो दरें निचले स्तर पर आ सकती हैं। फर्नेश उद्योगों में न तो चोरी रोकी जा रही और न समय पर बिल वसूला जाता है।

मौजूदा दरें

घरेलू श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं को अभी बिजली औसत 4.44 रुपये प्रति यूनिट की दर से मिल रही है। वहीं, कॉमर्शियल बिजली उपभोक्ताओं के लिए यही दर 6.38 रुपये है। एलटी श्रेणी के औद्योगिक उपभोक्ताओं को 6.03 रुपये और एचटी श्रेणी के उपभोक्ताओं को 6.06 रुपये प्रति यूनिट की दर से बिजली मिल रही है।