जोशीमठ : मौसम विभाग की पूर्व चेतावनी के बाद सोमवार को झमाझम बारिश शुरू हो गई, जहां भू धंसाव की चपेट में आए परिवार सहम गए, वहीं भू धंसाव की आशंका को लेकर धरना-प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा.

वार्डवार धरना देने के आदेश के अनुसार लोअर बाजार-नरसिंह मंदिर वार्ड से तेज बारिश के बावजूद लोग तहसील परिसर धरना स्थल पहुंचे.

पिछले 14 महीनों से जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति ने न केवल जोशीमठ क्षेत्र में बढ़ती दरारों और भूस्खलन के कारण घरों, घरों और गौशालाओं को होने वाले नुकसान के बारे में सरकार को आगाह किया, बल्कि आपदा सचिव और मुख्यमंत्री से कई बार मुलाकात भी की । ठोस कदम उठाने की गुहार लगाई गई, लेकिन सरकार हरकत में तभी आई जब शहर में तबाही शुरू हो गई।

विगत 3 जनवरी से वीभत्स रूप में शुरू हुई भूस्खलन त्रासदी के बाद आज तक स्थायी पुनर्वास/विस्थापन, मुआवजा सहित अन्य समस्याओं का समाधान नहीं हो सका है और लोग अपने भविष्य को लेकर बेहद चिंतित हैं.

जोशीमठ शहर में कड़ाके की ठंड, ऊपरी इलाकों में बर्फबारी और मूसलाधार बारिश के कारण जहां बाजार में सन्नाटा पसरा है, वहीं शहर के लोग भूस्खलन पीड़ितों और खतरे के डर से धरना/प्रदर्शन करने को मजबूर हैं.

सोमवार को भी तहसील परिसर में आयोजित प्रदर्शन में लोकगीतों की गड़गड़ाहट के साथ जोरदार नारेबाजी, एनटीपीसी परियोजना व हेलंग बायपास को बंद करने पर चर्चा, स्थायी पुनर्वास की समुचित व्यवस्था और लोगों को जमीन व मकान का मुआवजा देने की बात कही गई।

महिला मंगल दल अध्यक्ष अरुणा नेगी के नेतृत्व में नरसिंह मंदिर-लोअर बाज़ार वार्ड, जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के संयोजक अतुल सती, सचिव/प्रवक्ता कमल रतूड़ी,कोषाध्यक्ष संजय उनियाल, कामरेड इंद्रेश मैखुरी,ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष विक्रम फर्स्वाण, नगर अध्यक्ष हरेन्द्र राणा, पीसीसी सदस्य हरीश भण्डारी,रजनीश पंवार,लक्ष्मी लाल के अलावा सतीश भट्ट,सरजीत राणा, राजेश भट्ट, हरीश सती, उमेश नंबूरी समेत कई लोग मौजूद रहे.

विरोध प्रदर्शन के दौरान एक न्यूज चैनल पर आए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उनसे अपने बयान के लिए माफी मांगने की मांग की गई.