नई टिहरी/10 अप्रैल 2021ः-जनपद के प्रभारी मंत्री एवं गन्ना विकास एवं चीनी उधोग, भाषा तथा पुनर्गठन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) उत्तराखण्ड सरकार स्वामी यतीश्वरानंद ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान कलक्ट्रेट सभागार में वित्तीय वर्ष 2020-21 में सम्पन्न विकास कार्यो की समीक्षा की। बैठक में जनप्रतिनिधियों द्वारा बताया गया कि मुख्य चिकित्सधिकारी द्वारा फोन कॉल अटैंड नही किया जाता है इसके अलावा कई फाइलों पर कार्यवाही में लेटलतीफी की जा रही है। जिसका संज्ञान लेते हुए प्रभारी मंत्री ने स्पष्ट किया कि जनपद में किसी भी अधिकारी द्वारा जनप्रतिनिधि या आम व्यक्ति की फोन कॉल को नहीं उठाया जाता है तो संबंधित अधिकारी के प्रति कड़ी कार्यवाही अमल में लायी जाएगी साथ ही लंबित फाइलों पर एक सप्ताह के भीतर कार्यवाही किये जाने के निर्देश दिए है। इसके अलावा जनप्रतिनिधियों द्वारा कोविड-19 वैक्सिनशन केंद्रों में ग्रामीणों को एक साथ बुलाये जाने पर लोगो को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। जिस पर प्रभारी मंत्री ने मुख्य विकास अधिकारी को दिनवार 2-2 गावो के लोगो को टीकाकरण केंद्रों पर बुलाये जाने हेतु रोस्टर जारी करने के निर्देश दिए है ताकि सामाजिक दूरी के साथ-साथ स्वास्थ्य केंद्रों पर व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके। जनप्रतिनिधियों द्वारा जल जीवन मिशन के तहत हर घर नल योजना में आगणन तैयार करने में लापरवाही बरती है साथ ही लाभर्थियों के चयन में प्राथमिकता निर्धारण में जनप्रतिनिधियों की अनदेखी की जा रही है। जिसपर प्रभारी मंत्री ने कड़ी नाराजगी प्रकट करते हुए जल निगम व जल संस्थान के अधिकारियों को प्राथमिकता निर्धारण में जनप्रतिनिधियों के अनिवार्य रूप से सहयोग लिया जाए। साथ ही जल जीवन मिशन के कार्यो को समय निर्धारित समयसीमा के भीतर पूरा करने के लिए मिशन मोड़ पर कार्य करने के निर्देश दिए है।
प्रभारी मंत्री ने पशु चिकित्सा विभाग की समीक्षा करते हुए पाया कि जनपद के कईं चिकित्सक अन्य में अटैच है साथ ही जनपद पशु चिकित्सको के कारण जूझ रहा है जिसपर उन्होंने मुख्यचिकित्साधिकारी को 2 दिन के भीतर अटैच चिकित्सको व रिक्तियों के संबंध में रिपोर्ट तलब की है।


जनप्रतिनिधियों द्वारा यह भी प्रकरण रखा गया कि प्रत्येक विकासखंड में 2-3 मॉडल आदर्श विद्यालय संबंधी भारत सरकार की योजना शिक्षा विभाग द्वारा बहुत धीमी गति से कार्यवाही की जा रही है। साथ ही अखोडी में तैनात अध्यापक जो कि विगत 4 वर्ष से देहरादून में अटैच है और उनका वेतन जनपद से आहरित होता है। प्रकरण को गंभीरता से लेते हुए प्रभारी मंत्री ने आदर्श विद्यालयों के निर्माण हेतु संबंधित विभागों से एक सप्ताह के भीतर एनओसी प्राप्त करने के निर्देश मुख्य शिक्षाधिकारी को दिए है साथ ही संबंधित अध्यापक का तत्काल प्रभाव से वेतन रोकने के भी निर्देश दिए है।
इसके अलावा प्रभारी मंत्री ने चालू वित्तीय वर्ष मैं जिला योजना के तहत विभागों को धन आवंटन एवं वित्तीय वर्ष 2020- 21 में कराए गए विभिन्न कार्यों की भी समीक्षा की।
इसके उपरांत प्रभारी मंत्री ने मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय की औषधि गोदाम एवं कार्यालय का निरीक्षण किया। गोदाम में स्टॉक को यत्र- तत्र देख प्रभारी मंत्री ने मुख्य विकास अधिकारी को जांच अधिकारी नामित करते हुए 3 दिन के भीतर रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि गोदाम में पड़े सामान व औषधियां यदि स्वास्थ्य केंद्रों या आमजन तक नहीं नहीं पहुंचाई गई हो तो ऐसी स्थिति में संबंधित अधिकारी के प्रति कठोर कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
बैठक में जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव(ऑनलाइन के माध्यम से),मुख्य विकास अधिकारी अभिषेक रुहेला, डीडीओ सुनील कुमार, डीएफओ कोको रोसे, सीएमओ डॉ सुमन आर्य, जिला पंचायत अध्यक्ष सोना सजवाण, विधायक टिहरी डॉ धन सिंह नेगी, घनसाली शक्ति लाल शाह, प्रतापनगर विजय सिंह पंवार, प्रमुख जाखणीधार सुनीता देवी, प्रमुख चम्बा शिवानी बिष्ट, जिलाध्यक्ष भाजपा विनोद रतूड़ी, डीएसटीओ निर्मल कुमार शाह, मुख्य कृषि अधिकारी जेपी तिवारी, जिला उद्यान अधिकारी डॉ डीके तिवारी, मुख्यचिकित्साधिकारी डॉ पीएस रावत, ईई जल संस्थान, लोनिवि, विद्युत, पीएमजीएसवाई के अलावा अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।