साल के आखिरी दिन, राज्य में जन्म के समय लिंगानुपात में सुधार की अच्छी खबर आई है। राज्य में प्रति 1 हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या पिछले साल के 936 की तुलना में अब 949 तक पहुंच गई है। उत्तराखंड देश के शीर्ष दस राज्यों में शामिल हो गया है, साथ ही देश के शीर्ष 30 जिलों में उत्तराखंड के पांच जिले शामिल हैं। महिला कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) रेखा आर्य ने केंद्र सरकार द्वारा उपलब्ध कराए आंकड़े सार्वजनिक किए। उन्होंने बताया कि 2014-15 में, जन्म के समय लड़कियों का लिंगानुपात राज्य में प्रति हजार लड़कों पर 903 था।

2017 में, यह अनुपात 922 तक पहुचं गया था। इसके बाद, सरकार ने बेटी बचाओ बेटी पढाओ अभियान के तहत बड़े पैमाने पर जन जागरूकता अभियान चलाया। खुद उन्होंने  साइकिल से देहरादून से हरिद्वार के लिए जन जागरण यात्रा निकाली। इसका परिणाम लिंगानुपात में सुधार के रूप में सामने आया है। उन्होंने बताया कि उत्तराखंड देश में नौवें स्थान पर आया है। जबकि उत्तराखंड के पांच जिलों को देश के शीर्ष 30 जिलों में शामिल किया गया है।

जिलों की रैंकिंग: बागेश्वर – 06, अल्मोड़ा – 13, चंपावत – 22, देहरादून – 24, उत्तरकाशी – 25 वां  स्थान

उत्तराखंड राज्य महिलाओं के आंदोलन के दम पर बना है,महिलाएँ अभी भी सामाजिक और आर्थिक स्थिति की धुरी हैं। इसीलिए सरकार बेटी बचाओ, बेटी पढाओ अभियान के तहत कई कार्यक्रम चला रही है। इसके सकारात्मक परिणाम देखने को मिलने लगे हैं।

रेखा आर्य,  महिला कल्याण बाल विकास राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार)