PAHAAD NEWS TEAM

सीमांत चमोली जिले के रैणी, तपोवन क्षेत्र में आई आपदा सबक देने के साथ ही सवाल भी छोड़ गई। उत्तराखंड में आपदा के प्रति संवेदनशील और बेहतर संचार कनेक्टिविटी और दूरस्थ क्षेत्रों के साथ-साथ विभिन्न परियोजनाओं के बीच समन्वय के सवाल पर हर समय सतर्क रहना। जिसका असर इस घटना में भी देखने को मिला। (PAHAAD NEWS TEAM)

संपूर्ण उत्तराखंड आपदा के प्रति बहुत संवेदनशील है। सीधे शब्दों में कहें कि आपदाओं का इस राज्य से चोली-दामन का साथ है, तो कोई आपत्ति नहीं होगी। यह भी कारण है कि राज्य में एक अलग आपदा प्रबंधन मंत्रालय मौजूद है। हालांकि, बदली हुई परिस्थितियों में, विभाग व्यवस्थाओं के साथ-साथ सभी संसाधनों को ठीक करने में कामयाब रहा है। अपने विषम भूगोल के बावजूद, उत्तराखंड के दूरदराज के क्षेत्रों में संचार नेटवर्क आज भी एक चुनौती बना हुआ है। (PAHAAD NEWS TEAM)

रविवार को रैनी गाँव के पास ऋषिगंगा और धौलीगंगा के उफान से हुई तबाही के दौरान कनेक्टिविटी और समन्वय में कमी देखी गई। अनुमान है कि यह हादसा सुबह 9:30 से 10 बजे के बीच हुआ। वहीं, घटना का समय सरकारी स्तर से 10:30 बजे बताया जा रहा है। इस समय तक, आपदा के वीडियो इंटरनेट मीडिया में वायरल होने लगे थे। यह देखा गया कि इसके बाद सरकार का प्रशासनिक तंत्र पूरी तरह से सक्रिय हो गया। बचाव और राहत अभियान युद्ध स्तर पर जारी है। (PAHAAD NEWS TEAM)