देहरादून से PAHAAD NEWS TEAM

अगर उत्तराखंड में बड़ा भूकंप आता है, तो राज्य में बड़े पैमाने पर जन हानि के साथ ही सालाना 2480 करोड़ रुपये का आर्थिक नुकसान होगा। यह आकलन विश्व बैंक परियोजना के तहत आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा कराए गए डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट में यह आकलन किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, राज्य को सबसे बड़ा आर्थिक नुकसान आवासीय भवनों के क्षतिग्रस्त होने से होगा। एक बड़े भूकंप का असर राज्य के आवासीय भवनों के 59 प्रतिशत को प्रभावित करेगा। राज्य के चार प्रतिशत इमारतों को क्रिटिकल श्रेणी में रखा गया है। PAHAAD NEWS संवाददाता को बताया

जिनसे जान-माल के नुकसान का खतरा सबसे ज्यादा है। इसके अलावा, पुराने सरकारी भवनों, स्कूलों और अस्पताल भवनों से नुकसान की संभावना जताई गई है। रिपोर्ट में कहा गया कि बड़े भूकंप की स्थिति में परिवहन और बिजली क्षेत्रों को भी व्यापक नुकसान होगा। इसके आधार पर, एक अनुमान निकाला गया है कि राज्य में एक बड़े भूकंप की स्थिति में 2480 करोड़ रुपये का वार्षिक औसत नुकसान होगा। उत्तराखंड डिजास्टर रिस्क एसेसमेंट नाम की यह रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी गई है। PAHAAD NEWS संवाददाता को बताया

1505 में एक बड़ा भूकंप आया था

वर्ष 1344 व फिर 1505 में आठ रिक्टर स्केल से अधिक तीव्रता के भूकंप आए थे। उत्तराखंड में हरिद्वार में लालढांग के पास । तब से राज्य में कोई बड़ा भूकंप नहीं आया है। यही कारण है कि वैज्ञानिक राज्य में बड़े भूकंप की आशंका जता रहे हैं। उत्तराखंड के आसपास हुए एक बड़े भूकंप के बारे में बात करें तो , 1905 में कांगड़ा, हिमाचल में 7.8 रिक्टर पैमाने पर भूकंप आया था । 1934 में, जबकि बिहार-नेपाल सीमा पर आठ रिक्टर पैमाने का भूंकप आया था।

राज्य में बड़े भूकंप की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए हम नुकसान को कम करने के निरंतर प्रयास कर रहे हैं। सरकारी भवनों को नई तकनीकी से बनाया जा रहा है। आवासीय भवनों के निर्माण में भी तकनीक के इस्तेमाल का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। बड़े भूकंप के बावजूद नुकसान को कम से कम हो यह हमारा प्रयास है। PAHAAD NEWS संवाददाता को बताया

रिद्धिम अग्रवाल, अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी , यूएसडीएमए