टिहरी। जनपद में आहूत विभिन्न जनसुनवाई, जनता दर्शन कार्यक्रमों, बीडीसी बैठकों आदि में मिली शिकायतों के क्रम में अवगत हुआ कि जनपद में स्थित कतिपय विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों द्वारा तैनाती क्षेत्रान्तर्गत प्रवास न कर देहरादून व अन्य दूरस्थ शहरी क्षेत्रों में प्रवास किया जाता है, जिससे शिक्षकगण अपने-अपने विद्यालयों में विलम्ब से पहुंचते हैं तथा समय से पूर्व ही विद्यालय से प्रस्थान कर जाते हैं। इससे विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्रों के अध्ययन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है और पठन-पाठन बाधित हो रहा है। यह स्थिति अत्यंत खेदजनक होने के कारण कार्यक्षेत्र में रहने के निर्देश निर्गत किये गये ।
शासकीय कार्मिकों के कार्यस्थल अथवा मुख्यालय छोड़ने से पूर्व अनुमति लेना अनिवार्य है। पूर्ववर्ती राज्य उत्तरप्रदेश सरकार के 15 दिसम्बर 1981 के आवास भत्ता सम्बन्धी शासनादेश में भी कार्मिकों के 8 किमी की परिधि में निवास स्थान का उल्लेख किया गया है। उत्तराखंड में भी उच्चाधिकारियों के स्तर से तैनाती स्थलों पर कार्मिकों की उपस्थिति सुनिश्चित किये जाने के सम्बन्ध में समय समय पर निर्देश दिए जाते रहे हैं।
जनपद के समस्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों को निर्देश जारी करते हुए प्रभावी अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा, इसके साथ ही ऐसे समस्त शिक्षकों/कार्मिको की सूची तैयार करने के निर्देश शिक्षा विभाग के उच्चाधिकारियों को दिये जो शिक्षक / कार्मिक बिना अनुमति के कार्यस्थल / मुख्यालय छोडते हैं ।


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