परियोजना का कार्य बंद करवाने के लिए कसी कमर…!
लखवाड़ व्यासी युवा श्रम संविदा के तत्वाधान पर एवं लखवाड़ बांध से प्रभावित बेरोजगारों ने जो धरना प्रदर्शन 5 फरवरी 2024 से शुरू किया था उस धरना प्रदर्शन को आज दिनांक 19 फरवरी 2024 को पंद्रह दिन पूर्ण हो चुके है ।
लिहाजा प्रभावित बेरोजगार युवा लगातार अपनी जी जान से अपनी मांग को लेकर अड़े हुए है । लखवाड़ बांध से प्रभावित बेरोजगार युवाओं का पहले ही दिन से यह ही कहना की जब तक उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा बांध से प्रभावित बेरोजगार युवाओं की मांग ” हर प्रभावित परिवार से एक सदस्य को शैक्षिक योग्यता के अनुसार स्थाई रोजगार मुहैया कराया जाए ” । हालंकि 7 फरवरी 2024 को उत्तराखंड जल विद्युत निगम के अधिशासिक निदेशक द्वारा युवाओं को प्रबंध निदेशक के साथ एक बैठक आहूत करवाने का वायदा किया था । परंतु “फुट डालो राज करो” नीति के तहत उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा प्रबंध निदेशक के साथ बैठक आहूत करवानी चाही जिसके चलते बांध से प्रभावित बेरोजगार युवा उत्तराखंड जल विद्युत निगम की नीति को भांप गया और बैठक में शामिल होने से असहमति जताई ,14 फरवरी 2024 को स्वयं ही निगम द्वारा बैठक को निरस्त कर दिया गया और तत्पश्चात 19 फरवरी 2024 को लखवाड़ बांध से प्रभावित सभी समितियों को प्रबंध निदेशक के साथ बैठक के लिए आमंत्रित किया , गौरतलब यह कि युवाओं की समिति द्वारा 19 फरवरी 2024 को होने वाली बैठक में जाने से साफ इंकार कर दिया ।
बेरोजगार युवाओं की समिति के अध्यक्ष संदीप तोमर का यह कहना है की बांध से प्रभावित युवाओं का धरना भले ही 5 फरवरी 2024 से प्रारंभ हुआ है परंतु अधिशासी अधिकारी के साथ वार्ता 7 फरवरी 2024 को हुई , जिसके चलते लखवाड़ व्यासी बांध युवा श्रम संविदा समिति द्वारा उत्तराखंड जल विद्युत निगम को अंतिम चेतवानी देते हुए 15 दिन का समय दिया है ।
बेरोजगार युवाओं का कहना है की पंद्रह दिन बीत जाने के बावजूद भी उत्तराखंड जल विद्युत निगम द्वारा कोई भी ऐसा परिणाम युवाओं के हित में नहीं आया है की युवा खुद को संतुष्ट महसूस करे साथ ही में उत्तराखंड जल विद्युत निगम 5 फरवरी 2024 से अब तक प्रबंध निदेशक के साथ एक सकारात्मक बैठक आहूत नहीं करवा पाया तो इनसे आगे क्या ही उम्मीद रखें।
लखवाड़ बांध से प्रभावित बेरोजगार युवाओं का साफ तौर पर यह कहना है की यही 15 दिनों के भीतर भीतर यदि हमारी मांगों को पूर्ण नहीं किया गया तो सोहल्वे दिन समस्त प्रभावित क्षेत्र के प्रभावितों परिवारो द्वारा बांध के कार्य को बंद करवा दिया जाएगा , जिसकी जिम्मेदारी उत्तराखंड जल विद्युत निगम तथा शासन प्रशासन की होगी।
धरना स्थल पर उपस्थित युवा अमन, संदीप, सुमित , गोल्डी अजीत उपस्थित रहे।


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