PAHAAD NEWS TEAM

कल देश भर में भारत बंद का ऐलान किया गया है। इस भारत बंद में देशभर के किसान शामिल होंगे। इस दौरान दुकानें, बाजार और सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। शुक्रवार (26 मार्च) को सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक भारत बंद रहेगा। तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर अड़े किसान कल पूरे देश में भारत बंद करेंगे। इस अवधि के दौरान, दुकानों, बाजारों, व्यापारिक संगठनों आदि को बंद करने की घोषणा की गई है। हालांकि, इसमें संदेह है कि क्या व्यापारी संगठन इसमें पूरी भागीदारी देंगे। व्यापारी इस भारत बंद में शामिल होंगे या नहीं यह उन पर निर्भर है।

क्या – क्या बंद रहेगा?

किसानों के इस 12 घंटे के भारत बंद के दौरान, इसने देश भर की दुकानों, बाजारों और व्यापारिक प्रतिष्ठानों को बंद रखने का आह्वान किया है। सभी प्रकार की दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहेंगे। इस समय के दौरान, दूध और डेयरी उत्पादों के वितरण में समस्या हो सकती है। ऐसे में, अगर आप हर दिन दूध और डेयरी उत्पाद खरीदते हैं, तो शाम को ही इसकी व्यवस्था करें। किसान संगठनों ने कहा है कि लोगों को स्वेच्छा से दुकानें बंद करने के लिए कहा गया है।

क्या यह खुला रहेगा ?

भारत बंद के दौरान सड़कों को जाम नहीं किया जाएगा। इसकी वजह से यातायात पूरी तरह से सामान्य रहेगा । इसके अलावा, भारत बंद के दौरान, किसान रेल मार्ग को भी बाधित नहीं करेंगे। कारखानों-कंपनियों को बंद नहीं करने का निर्णय लिया गया है। इस दौरान पेट्रोल पंप, किराने की दुकान, मेडिकल स्टोर, जनरल स्टोर और बुक शॉप भी खुली रहेंगी ।

भारत बंद के दौरान किसान क्या करेंगे?

तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर किसान पिछले 120 दिनों (4 महीने) से सड़कों पर हैं। कल यानि 26 मार्च, 2021 को किसान प्रदर्शन का 120 वां दिन है। ऐसे में किसान आंदोलन को और तेज करने के लिए किसान देश भर में कल एक दिन का भारत बंद कर रहे हैं। इस दौरान, किसान संगठन देश में हर जगह प्रदर्शन करेंगे। इसके साथ ही नए कृषि कानूनों और सरकार के पुतले को भी जलाया जाएगा। गौरतलब है कि पिछली बार भारत तीन घंटे का बंद था, जिसकी वजह से आम जनजीवन पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ा था। ऐसे में देखना होगा कि किसान इस बार क्या करते हैं।

किसान इस भारत बंद के माध्यम से अधिक से अधिक लोगों का समर्थन चाहते हैं। इससे जनता को परेशानी उठानी पड़ेगी। । किसान नेताओं ने अपने संगठनों से कहा है कि वे सड़कों को अवरुद्ध न करें। इसके अलावा, दिल्ली को छोड़कर हर राज्य, हर जिले, तहसील और गाँव स्तर पर भारत बंद को ले जाने की बात की गई है।