जौनपुर : उत्तराखंड की जौनसारी और जौनपुरी लोकगायिका रेशमा शाह को बुधवार को लोक कला के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्रदान किया गया । संगीत नाटक अकादमी, द नेशनल एकेडमी आफ म्यूजिक, डांस एंड ड्रामा ने वर्ष 2019, 2020 व 2021 के लिए उस्ताद बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार प्रदान करने को विभिन्न राज्यों से कलाकारों का चयन किया गया था । जिसमे उत्तराखंड की लोक गायिका रेशमा शाह को उनके लोक कला पर कार्य करने के लिए वर्ष 2019 का यह पुरस्कार दिया गया है .

वहीं बता दें बिस्मिल्लाह खान युवा पुरस्कार 40 वर्ष से कम आयु के कलाकारों को दिया जाता है,जिसमे 25,000 रुपये की नकद राशि दी जाती है।

टिहरी जिले के जौनपुर विकास खण्ड के अंतर्गत ग्राम सनब के एक मध्यमवर्गीय परिवार से आती है और देश विदेश में छा जाती हैं । रेशमा शाह का संगीत का सफर काफी कठिनाइयों वाला रहा हैं इसके बाबजूद भी उन्होंने हार नही मानी अपने कैरियर को आगे बढ़ाती रही, उन्होंने उस टाइम पर अपना संगीत का सफर शुरू किया जब लोग महिलाओं का गाना गाना पसंद नही था ।

उत्तराखंड का जौनपुर क्षेत्र अपनी पारम्परिक संस्कृति के लिए जाना जाता है,अपने रहन सहन एवं वेशभूषा के लिए उत्तराखंड की संस्कृति को जीवित रखने में अपनी अहम् भूमिका निभाता है,प्रसिद्ध महासू देवता इसी भूमि पर विराजमान हैं दूर दूर से भक्त महासू देव के दर्शनों को आते हैं।

रेशमा शाह एक ऐसी कलाकार है जिन्होंने अपना कैरियर प्रोफेशनल तरीके से किया है. जब किसी को महिलाओं का गाना भाता नहीं था हमारे क्षेत्र में महिलाओं को इतना सपोर्ट नहीं किया जाता था। लेकिन फिर भी उन्होंने अपनी हार नहीं मानी और और अपने सिंगिंग कैरियर को आगे बढ़ाते रहे और उन्होंने अपना मुकाम हासिल कर लिया . इनकी अपनी एक अलग पहचान है पहले लोग जो इन्हें सपोर्ट नहीं करते थे अब वे सपोर्ट करते हैं।

YouTube और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के आने के बाद मुझे कई नए प्रोडक्शन हाउस और लोक गायकों के साथ गाने का मौका भी मिला। हालाँकि इससे पहले भी रेशमा शाह जी ने कई कैसेट और सीडी प्रोडक्शन हाउस जैसे टी-सीरीज़, रामा कैसेट आदि लोक गीतों के एल्बम के लिए काम किया।

रेशमा शाह जी को उत्तराखण्ड के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का देश-विदेश में लगातार आयोजन करने के लिए अनेक सम्मान प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि मैं आज भी अपनी उत्तराखंड की संस्कृति के लिए काम कर रहा हूं। उत्तराखण्ड की संस्कृति को जीवित रखना और अपने लोकगीतों के माध्यम से इसे आगे बढ़ाना ही मेरे जीवन का लक्ष्य है।

देहरादून : मसूरी में पीडब्ल्यूडी के गेस्ट हाउस की जगह मल्टी स्टोरी पार्किंग का निर्माण कराने को उत्तराखंड सरकार द्वारा कैबिनेट में आज मंजूरी दी गयी ।