देहरादून से PAHAAD NEWS TEAM
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी शुरू कर दी है। इस क्रम में बोर्ड की ओर से प्रायोगिक परीक्षाएं आयोजित करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं। इसके तहत स्कूल एक बैच में 25 छात्रों को परीक्षा देने के लिए बुला सकेंगे। इसके अलावा, एक कमरे में अधिकतम 13 छात्र-छात्राओं को एक साथ बिठाया जा सकेगा।
सीबीएसई के क्षेत्रीय निदेशक रणबीर सिंह ने कहा कि इस बार 10 वीं और 12 वीं की प्रयोगात्मक परीक्षाएं 1 मार्च से शुरू होने जा रही हैं। बोर्ड ने स्कूलों को निर्देश दिया है कि वे प्रयोगात्मक परीक्षाएं 11 जून तक हर हाल में प्रयोगात्मक परीक्षाएं संपन्न कराए । हालांकि, परीक्षाएं 15 मई तक पूरी करने का प्रयास किया जाएगा।, ताकि मूल्यांकन समय पर शुरू हो सके। परीक्षा समाप्त होने के तुरंत बाद, स्कूलों को बोर्ड की वेबसाइट पर दिए गए लिंक के माध्यम से सभी छात्रों के नंबर अपलोड करने होंगे। एक बार नंबर अपलोड करने के बाद, सुधार का कोई मौका नहीं होगा। इसलिए स्कूलों को नंबर अपलोड करते समय बहुत सतर्क रहना होगा। इसके अलावा, स्कूलों को क्षेत्रीय अधिकारी और बोर्ड की वेबसाइट पर परीक्षा के दौरान की फोटो अपलोड करनी होगी।
कोरोना के संकेतों को देखने के बाद एक अलग कमरे में परीक्षा आयोजित की जाएगी
यदि कोई छात्र बीमार है या कोरोना के लक्षण हैं, तो उसे अलग कमरे में परीक्षा दिलाई जाएगी। उसी समय, यदि किसी कारण से कोई छात्र स्कूल द्वारा निर्धारित तिथि पर प्रायोगिक परीक्षा देने में असमर्थ होता है, तो उसे इसकी जानकारी तुरंत स्कूल के साथ-साथ अपने क्षेत्रीय अधिकारी को भी सूचित करना होगा।
परीक्षक बोर्ड की ओर से नियुक्त होंगे
प्रायोगिक परीक्षा लेने के लिए सीबीएसई द्वारा परीक्षक की नियुक्ति की जाएगी। सीबीएसई ने कहा है कि अगर कोई स्कूल नियोजित परीक्षक की जगह किसी अन्य शिक्षक के साथ परीक्षा आयोजित करता है, तो परीक्षा रद्द कर दी जाएगी। वहाँ के छात्रों को लिखित परीक्षा में प्राप्त अंकों के औसत के आधार पर प्रायोगिक परीक्षा में अंक प्रदान किए जाएंगे। इसके लिए प्रधानाचार्य के खिलाफ जिम्मेदार मानते हुए कार्रवाई की जाएगी। स्कूल की मान्यता भी रद्द की जा सकती है।
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