कोरोना के चलते जहाँ एक ओर कई युवा अपनी नौकरियों से हाथ धो बैठे हैं वहीँ कुछ ऐसे भी युवा समाज में समय-समय पर आते हैं जो सभी के लिया नए रास्ते खोलते हैं और एक नयी मिसाल कायम करते हैं। आज हम बात कर रहे हैं एक ऐसे ही युवा मुकेश रतूड़ी की जिन्होंने अपनी मेहनत और सोच के दम पर न केवल रोज़गार के नए अवसर ही उपलब्ध कराये हैं बल्कि इस कठिन समय में युवाओं को नया हौंसला और उम्मीद भी दी है।
टिहरी जनपद के विकासखंड जौनपुर के अंतर्गत ग्राम घोडाखुरी के रहने वाले मुकेश रतूड़ी ने घर से दूर जाकर रोज़गार तलाशने की बजाय कृषि कार्य में संलग्न रहकर स्वरोज़गार की प्रेरणा को एक उम्मीद में बदल दिया जो अब सफलता के द्वार तक पहुंचकर अन्य युवाओं के लिया भी एक प्रेरणस्रोत बन चुकी ही। इस कार्य की सफलता में विकेन्द्रिकृत योजना फेज २ का भी मुकेश को काफी सहयोग मिला है जिन्होंने मल्चिंग शीट ,बीज और पानी की व्यवस्था में मुकेश का सराहनीय साथ दिया। वर्तमान समय में मुकेश शिमला मिर्च, बैंगन, टमाटर आदि सब्ज़ियों का उत्पादन कर रहे हैं। मुकेश के परिवार में उनकी माँ और वे दो भाई हैं जिनमे से एक विदेश में नौकरी करते हैं। मुकेश स्वयं गांव में रहकर खेतीबाड़ी का काम देखते हैं। मुकेश की ये पहल गांवों से होने वाले पलायन को रोकने के लिए एक नयी दिशा देती दिखाई दे रही है।मुकेश का कहना है की यदि युवाओं को स्वरोज़गार हेतु प्रेरित किया जाये और तकनीकी का ज्ञान दिया जाये तो इस क्षेत्र में युवा सफलता की नयी ऊंचाइयों को छू सकते हैं और विश्व को अपनी शक्ति और सामर्थ्य का प्रदर्शन कर सकते हैं। वहीँ,जलगाम विकास परियोजना के उपनिदेशक नवीन बरफाल ने बताया की मल्चिंग शीट पर खेती करके किसान काम मेहनत में अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं क्योकि इस तरह की खेती में एक तो कम पानी की आवश्यकता होती है और इसके अलावा खेत में अनावश्यक घास फूस उग आने की समस्या से भी किसानो को निपटना नहीं पड़ता है। इसके साथ ही उन्होंने बताया की जलगाम परियोजना द्वारा किसानो को खेती के लिए जल भी उपलब्ध कराया जा रहा है जिससे किसान अच्छा मुनाफा प्राप्त कर रहे हैं।