देहरादून :

सेवारत एवं पूर्व सैन्य अधिकारियों के लिए हाउस टैक्स छूट को खत्म किये जाने के निर्णय को वापस लिये जाने के सम्बन्ध में शनिवार को मसूरी विधायक गणेष जोशी के नेतृत्व में एक पूर्व सैन्य अफसरों के प्रतिनिधिमण्डल ने न्यू कैंट रेाड़ स्थित मुख्यमंत्री आवास में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मुलाकात की।  मुख्यमंत्री कौ सौंपे ज्ञापन में सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों ने अवगत कराया कि प्रदेश के सभी नगर निकायों में वर्श 2014 से सैनिकों एवं पूर्व सैनिकों को हाउस टैक्स में छूट दिये जाने का प्रावधान है किन्तु समाचार पत्रों के माध्यम से ज्ञात हुआ कि दिनाॅक 17 सितम्बर 2020 को हुई मंत्रिमण्डल की बैठक के बाद सेना में जेसीओ और उससे ऊपर की रैंक के अधिकारियों एवं इसी रैंक के रिटायर्ड अधिकारियों को उत्तराखण्ड के नगर निकायों में गृह कर से छूट नहीं दिये जाने आदेश पारित किया गया है। उन्होनें कहा कि इस हाउस टैक्स में छूट वापसी के निर्णय से सभी सैन्य अधिकारियों में आक्रोश है क्योंकि उत्तराखण्ड को छोड़ किसी भी प्रदेश सैन्य अधिकारियों एवं जवानों में कोई श्रेणी का बटवारा नहीं हुआ है। उन्होनें यह भी कहा कि सैन्य अफसर या जवान कोई भी हो, वह सभी एक श्रेणी में होते हैं, वह है सैनिक। किन्तु सरकार द्वारा फौजियों को गृह कर की श्रेणियों में अलग-अलग किया जाना न्यायोचित नहीं है। जहां देषभर में सैनिकों को प्रत्येक मोर्च पर प्रोत्साहन दिया जा रहा है, वही उत्तराखण्ड में लगभग तीन प्रतिशत सैन्य अधिकारियों के गृह कर माफ न कर राजकीय कोष में कितनी धनराशि एकत्रित कर पाऐगी, यह सोचनीय विषय है। 

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विधायक जोशी एवं सभी पूर्व सैनिकों को आश्वस्त किया है कि जेसीओ रैंक से ऊपर के सेवारत एवं सेवानिवृत सैन्य अधिकारियों के हाउस टैक्स छूट को खत्म किये जाने के निर्णय पर पुर्नविचार किया जाऐगा। मुख्यमंत्री रावत के इस फैसले के बाद विधायक गणेश जोशी एवं सभी पूर्व सैन्य अधिकारियों से मुख्यमंत्री का आभार प्रकट किया और कहा कि हम सब प्रदेश के विकास में हमेशा सरकार के साथ हैं। इस अवसर पर मेजर जनरल केडी सिंह, मेजर जनरल सम्मी सभरवाल, बिग्रेडियर केजी बहल, बिग्रेडियर बीबी शर्मा, बिग्रेडियर आरएस बरार, कर्नल जीके चोना, ले0कर्नल बीएम थापा उपस्थित रहे।