देहरादून से पहाड़ न्यूज़ टीम

बेटियां दुनिया के साथ कदम से कदम मिलाकर ऊंचे मुकाम हासिल कर रही हैं। उत्तराखंड की बेटियाँ शिक्षा, खेल, विज्ञान, कला, सिविल सेवा, पुलिस, सेना, राजनीति आदि सभी क्षेत्रों में अपनी छाप छोड़ रही हैं, दून और राज्य में कई बेटियाँ हैं, जिन्होंने शिक्षा और नवाचार में अपना वर्चस्व स्थापित किया है। इतना ही नहीं, बहादुरी का परिचय देते हुए, साहसिक क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर पुरस्कार जीतने से उत्तराखंड का मान बढ़ाया है।  (पहाड़ न्यूज़)

तापस चौधरी का मॉडल नेशनल साइंस कांग्रेस में दिखेगा

केवि आईटीबीपी के छात्र तपस्या चौधरी ने रिस्पना नदी को पुनर्जीवित करने के लिए एक ईको फ्रैंडली मॉडल तैयार किया है। उनके इस मॉडल को राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस के लिए चुना गया है। नवाचार के क्षेत्र में तपस्या द्वारा तैयार किए गए मॉडल को निर्णायक मंडल की ओर से भी खूब सराहना मिली। पूरे राज्य के मॉडल में, उनके मॉडल को सीनियर वर्ग में पहला स्थान मिला है। तपस्या ने कहा कि हर साल यह विज्ञान कांग्रेस स्कूलों में होती है, लेकिन इस साल कोरोना के कारण यह ऑनलाइन किया गया। 4 जनवरी को, राज्य भर के छात्रों ने क्षेत्रीय प्रतियोगिता में भाग लिया। उन्होंने इसके लिए अपने शिक्षक और परिवार को धन्यवाद दिया।

बोर्ड परीक्षाओं में मनवाया लोहा

दून की सुजाता, गुरबत में सफलता की राह तलाश कर , बोर्ड परीक्षाओं में बेहतर अंक प्राप्त कर लोहा मनवाया। न केवल उन्होंने विपरीत परिस्थितियों से लड़कर मेरिट में जगह बनाई, बल्कि उन्होंने यह भी दिखाया कि सफलता पाने के लिए जुनून होना चाहिए। फिर अगर आप सरकारी स्कूल में पढ़ते हैं, तो क्या फर्क पड़ता है। दून की सुजाता ने पिछले साल 12 वीं में 91.8 अंक हासिल किए, जिसमें कठिन जीवन संघर्ष और परिवार की विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ा।
सुजाता दून की मेरिट में छठे और राज्य में 14 वें स्थान पर रही। सुजाता दून के कुंजापुरी विहार में रहती हैं। उनके पिता राजेश चंद रमोला का छह साल पहले निधन हो गया था। मां शैला देवी ने परिवार चलाने के लिए घरों में काम करना शुरू किया। सुजाता इंजीनियर बनकर घर की दुर्दशा को दूर करना चाहती है। (पहाड़ न्यूज़)

बहादुरी के लिए राखी को राष्ट्रीय पुरस्कार

11 वर्षीय राखी, जिसने अपने छोटे भाई की जान बचाने के लिए अपने अदम्य साहस को पेश करते हुए गुलदार के साथ लड़ाई लड़ी है, को राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिला है। राखी को गुलदार ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था। जिसके बाद राखी का दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में लंबे समय तक इलाज चला। पौड़ी जिले के चौबट़्टाखाल तहसील की सैंधार पट्टी के देवकुंडई गांव में 4 अक्टूबर को गुलदार ने खेत में अपनी मां के साथ गए चार साल के मासूम राघव पर हमला कर दिया था।
उसके साथ जा रही 11 वर्षीय बहन राखी ने अपने भाई राघव को बचाने के लिए उस पर लेट गई और गुलदार को राघव तक पहुंचने नहीं दिया। राखी बहादुरी दिखाती है और भाई को गुलदार से बचाती है, लेकिन वह खुद गंभीर रूप से घायल हो गई। उनकी इसी बहादुरी के लिए पिछले साल गणतंत्र दिवस के मौके पर उन्हें राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। (पहाड़ न्यूज़)