नई टिहरी :

जनपद टिहरी गढ़वाल के निवासियों द्वारा औद्यानिकी के क्षेत्र में भी स्वरोजगार अपनाकर अपनी आर्थिकी को मजबूत किया जा रहा है। इससे जहां क्षेत्रीय लोग खेती से जुड़ रहे हैं वहीं पलायन पर भी रोक लग रही है। उद्यान विभाग के अन्तर्गत संचालित सरकार की विभिन्न स्वरोजगारपरक योजनाओं का जनपद के लोग फायदा ले रहे हैं। वहीं जिलाधिकारी इवा आशीष श्रीवास्तव के दिशा निर्देशों के तहत जिला उद्यान विभाग द्वारा उद्यान विभाग की योजनाओं का अन्य विभागों की योजनाओं से डवटेंलिंग (सामंजस्य स्थापना) कर किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। इनमें से जनपद टिहरी गढ़वाल के विकासखण्ड चम्बा के ग्राम क्यारी के उपग्राम दन्देली के ‘‘एनआरएलएम समूह ग्राम दन्देली‘‘ ने अपने गांव में विभिन्न प्रकार के फलों के पौध लगाकर स्वरोजगार स्थापना की ओर कदम बढ़ाया है।
‘‘एनआरएलएम समूह ग्राम दन्देली‘‘ 20 लोगों का समूह है, जिसने जिला उद्यान विभाग टिहरी गढ़वाल एवं विकास खण्ड कार्यालय,चम्बा, टिहरी गढ़वाल के सहयोग से विभिन्न योजनाओं का लाभ उठाकर गांव की 10 हेक्टेयर भूमि में पांच चकों (हिस्सों) में कुल 2600 (दो हजार छः सौ) पौधों का रोपण माह जुलाई 2020 में किया। जिला उद्यान विभाग एवं विकासखण्ड कार्यालय, चम्बा द्वारा समूह को पौधे निःशुल्क उपलब्ध कराये गये। जिला उद्यान विभाग द्वारा समूह को 1200 आम के पौधे व 800 नींबू के पौधे तथा विकासखण्ड कार्यालय, चम्बा द्वारा समूह को 600 पौधे आम, अमरूद, आंवला व लीची के उपलब्ध कराये गये। जिला उद्यान विभाग द्वारा रूपये चार लाख की योजना के तहत जंगली सूअरों से पौधों की सुरक्षा हेतु दो हेक्टयर भूमि में घेर-बाड़ की गयी, जिसमें रूपये तीन लाख उद्यान विभाग तथा रूपये एक लाख समूह के सदस्यों का अंशदान शामिल रहा। जिला उद्यान विभाग द्वारा रूपये 80 हजार की लागत से दो हेक्टेयर भूमि में पौधों की सिंचाई हेतु ड्रिप भी लगायी गयी जिसमें 20 प्रतिशत अंशदान किसानों का रहा। विकासखण्ड कार्यालय,चम्बा द्वारा पौध रोपण कार्य में समूह के सदस्यों व अन्य ग्रामीणों को मनरेगा के तहत कुल 1100 (ग्यारह सौ)दिन की मजदूरी भी दिलायी गयी।
‘‘एनआरएलएम समूह ग्राम दन्देली‘‘ के अध्यक्ष रमेष दत्त बैलवाल ने बताया कि रोपे गये फलों के पौधे अच्छे से पनप रहे हैं। निकट भविष्य में अच्छी पैदावार होने की सम्भावना है, जिससे समूह के सदस्यों को अच्छी आय प्राप्त होगी। उन्होने बताया कि गांव की दस हेक्टेयर भूमि में से दो हेक्टेयर बंजर पड़ी भूमि पर पौध रोपण कर आबाद किया गया है। बंजर भूमि में भी पौधे अच्छे से पनप रहे हैं। श्री बैलवाल ने बताया कि जिला उद्यान विभाग की ओर से और दो हेक्टेयर भूमि पर घेर-बाड़ का प्रस्ताव पुनः तैयार किया गया है। वहीं जिला लघु सिंचाई विभाग की ओर से रुपये 217000 (दो लाख सतरह हजार) की लागत से पौधों की सिंचाई हेतु जल संग्रहण टैंक भी प्रस्तावित है।