उत्तराखंड : By Mili Gupta

दिल्ली की किशोरी को अवैध रूप से नशा मुक्ति केंद्र में रखने के आरोप में केंद्र के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। यह मुकदमा दिल्ली से ट्रांसफर होकर दून के नेहरू कॉलोनी के पुलिस स्टेशन में आया है। आरोप है कि किशोरी को नशे की कोई लत्त नहीं थी। अतिरिक्त, इसके नशा मुक्ति केंद्र ने महिला को 22 दिनों तक नशा मुक्ति केंद्र में बंद रखा। पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी है। 
दिल्ली द्वारिका के बिंदापुर थाने में जीरो एफआईआर दर्ज करि गयी थी। मामले में किशोरी की दोस्त मनीषा कुमारी है जिसने निवासी मीतनगर शाहदरा हाईकोर्ट दिल्ली को शिकायत की थी। शिकायत में उत्तमनगर की रहने वाली स्वीटी नाम की उसकी दोस्त को नशे की कोई लत्त नहीं थी। उसे 20 अक्तूबर 2020 को देहरादून के मोहकमपुर स्थित गोल्डन ड्रीम रिहेबिलिएशन सेंटर में भर्ती कराया गया था। स्वीटी को उसकी मां किसी संपत्ति विवाद के चलते यहां लेकर आई थी।

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स्वीटी नौकरी करती थी और उसकी मां और भाई शाहदरा में रहते हैं। भाई को भी नशा मुक्ति केंद्र में रखा गया था। स्वीटी की दोस्त मनीषा ने फोन पर बताया था कि स्वीटी ने अपनी कमाई से उत्तम नगर में एक फ्लैट लिया है। इस फ्लैट पर उसके परिवार वालों की नजर थी। मनीषा का आरोप है कि इस फ्लैट को अपने नाम पर कराने के लिए ही उन्होंने यह साजिश रची थी। इसीलिए उसे नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती करा दिया गया। स्वीटी वर्तमान में मैनेजमेंट की पढ़ाई कर रही है। इस मामले में मनीषा पहले भी दिल्ली पुलिस को यह सब बता चुकी थी, जिसके बाद 12 नवंबर को उसे वहां से रेस्क्यू करा लिया गया था। इसके बाद स्वीटी ने  दिल्ली हाईकोर्ट को अपने साथ हुए इस घटना के बारे में पूरी जानकारी दी। हाईकोर्ट ने बिंदापुर थाने को नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के लिए आदेश दिए थे। एसओ नेहरू कॉलोनी ने बताया की  दिल्ली से आई जीरो एफआरआई को यहां दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने मामले की छानबीन शुरू कर दी है।