परोगी / धनौल्टी से Pahaad news Team,

प्रख्यात ढोल वादक सोबन दास का आज तड़के निधन हो गया, उनके जाने से जौनपुर क्षेत्र में दुःख की लहर है। जैसे की बताया जाता है सोबन दास को ढोल वादक में महारथ हासिल थी। जौनपुर क्षेत्र में ढोल वाद्य यंत्रो का काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। चाहे कोई मांगलिक कार्य हो या फिर यहाँ के त्यौहार हो उसमे ढोल दमाऊदी और रणसिंघा को बजाया जाता है।

क्योकि अब जौनपुर हो या फिर और कोई उत्तराखंड का क्षेत्र ये कला अब विलुप्त होती जा रही है। सब लोग अब दज का उपयोग ज्यादा कर रहें है। वैसे भी अब इन वाद्य यंत्रो को बजाने वाले काम ही लोग है। इसलिए सोबन दास का जाना इस क्षेत्र के लिए अपूर्ण क्षति है। उनके देहांत पर
जौनपुर क्षेत्र लोगो के दुःख प्रकट किया। सोबन दास मूल रूप से ग्राम बैल, जौनपुर, टिहरी गढ़वाल के रहने वाले थे।

पिछले साल गणतंत्र दिवस के शुभ अवसर पर ग्राम बेल के ढोल वादक श्री सोबन दास जी द्वारा प्राथमिक विद्यालय बेल में एक जौनपुरी गीत की सुंदर प्रस्तुति

देखते है सुभम सजवाण क्या बोलते है उनके बारे में :

“कुछ लोगों के जाने से  दिल को बहुत दुख होता है, और दुख इसलिए होता है क्योंकि उनका व्यक्तित्व आम जनमानस के बीच इतना साधारण, प्रिय एवं प्रभावशाली  होता है कि लोग उन्हें भूल नहीं पाते है। ऐसे ही लोगों में से एक थे हमारे श्री सोबन दास जी।

हमारे प्रत्येक त्यौहार शादी विवाह एवं अन्य कार्यक्रमों में  सोबन दास जी अपने ढोल की आवाज से पूरी महफिल को रौशन कर देते थे। बहुत ही गजब के कलाकार थे हमारे बचपन की यादों के हीरो श्री सोबन दास जी ईश्वर से प्रार्थना करता हूँ कि उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें।।”