देहरादून : राज्य की कम आबादी वाली छोटी बस्तियां भी अब मुख्य सड़क से जुड़ सकेंगी. इसके लिए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का खाका तैयार कर लिया गया है. करीब 100 करोड़ रुपये की इस योजना के क्रियान्वयन से ऐसे गांवों तक एक से दो किलोमीटर की धातु की सड़क बनाई जा सकती है.

अब तक राज्य में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत लगभग 668 गांवों को सड़कों से जोड़ा जा चुका है। इसके तहत करीब 1472 किलोमीटर लंबी सड़कों का निर्माण किया गया है। पीएमजीएसवाई सड़कों के निर्माण के लिए केवल पहाड़ी क्षेत्रों में 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को जोड़ने के लिए प्रतिबद्ध है।

ऐसे में इस मानक को पूरा नहीं करने वाले सैकड़ों गांव आज भी पक्की सड़कों से कोसों दूर हैं। इसके अलावा प्रदेश में चल रही मेरा गांव, मेरी सड़क योजना भी लागू है, लेकिन उसमें भी मात्र एक किलोमीटर सड़क का निर्माण हो सका है।

उसी के मद्देनजर ग्राम विकास विभाग द्वारा मुख्यमंत्री सड़क योजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। योजना के तहत छोटी बस्तियों को लिंक रोड के माध्यम से लोनिवि, पीएमजीएसवाई की सड़कों से जोड़ा जाएगा। प्रस्ताव के तहत मनरेगा के साथ-साथ राज्य क्षेत्र में उपलब्ध धनराशि के साथ केंद्र से प्राप्त सहायता से योजना को लागू किया जाएगा।

ग्रामीण उत्पादों को बाजार तक पहुंचाने में आसानी होगी

राज्य के पहाड़ी इलाकों में कई गांव हैं जहां किसान अपनी नकदी फसलों को बाजार तक नहीं पहुंचा सकते क्योंकि उनके गांवों में सड़कें नहीं हैं। ऐसे गांव अगर सड़क मार्ग से जुड़ जाएं तो वे आसानी से अपनी उपज को बाजार तक पहुंचा सकते हैं। इससे रोजगार के नए द्वार खुलेंगे और पलायन रोकने में भी मदद मिलेगी।

सड़क का प्रस्ताव ग्राम पंचायतें देंगी

योजनान्तर्गत ग्राम पंचायतों एवं क्षेत्र पंचायतों के स्तर पर पथ निर्माण के प्रस्ताव विकासखण्ड अधिकारी को भेजे जायेंगे। इसके बाद विकासखंडों में संकलित प्रस्तावों को जिलाधिकारी की समिति के समक्ष रखा जाएगा। जिलाधिकारी नियमानुसार प्रस्तावों को स्वीकृत कर शासन को धनराशि अवमुक्त करने हेतु प्रस्ताव भिजवायेंगे।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना का प्रस्ताव तैयार किया गया है। प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। प्रदेश के ऐसे गांवों को, जो अभी तक सड़क विहीन हैं, मुख्य सड़कों से जोड़ने का लक्ष्य है। इससे ऐसे गांवों में कृषि और लघु कुटीर उपज को बाजार तक पहुंचाना आसान हो जाएगा। स्थानीय आजीविका में सुधार करेगा और पलायन को रोकने में मदद करेगा। ,

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