देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में बारिश के चलते कई जिलों में सड़कें बंद कर हो गई हैं. राज्य भर में 347 सड़कें बंद होने से यात्रियों की परेशानी भी बढ़ गई है. पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश से नोडल एजेंसी को भी सड़क खोलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. गंगोत्री, यमुनोत्री, बद्रीनाथ समेत राष्ट्रीय राजमार्गों पर यातायात बाधित है। उत्तरकाशी जिले के गंगा और यमुना घाटी इलाकों में रविवार देर शाम से लगातार हो रही बारिश से जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है. भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन के कारण सोमवार को गंगोत्री और यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग कई स्थानों पर बंद रहे। सड़क को खोलने के लिए संबंधित विभागों की ओर से लगातार कार्रवाई की जा रही है. विवार को देर शाम उत्तरकाशी जिले की गंगा तथा यमुना घाटी क्षेत्र में बारिश शुरू हुई जो सोमवार को भी पूरे दिनभर लगातार जारी रही। .बारिश के कारण जगह-जगह भूस्खलन हुआ। गंगोत्री हाईवे धरासू, तेखला, हीना व डबराणी में पर हुए भूस्खलन से बंद हो गया । दोपहर में बीआरओ ने बंद हाईवे को खोल दिया।

मलबा गिरने से ऋषिकेश-बद्रीनाथ हाईवे बंद

मूसलाधार बारिश के कारण ऋषिकेश-बद्रीनाथ मार्ग अवरुद्ध हो गया है। सोमवार दोपहर करीब तीन बजे भूस्खलन के चलते मलबा हाईवे पर आ गिरा । नीलकंठ मोटर मार्ग पर मलबा गिरने से वाहनों की आवाजाही ठप हो गई। जबकि चीला वैकल्पिक मार्ग भी बीन नदी उफनने से बंद रहा। बारिश के कारण मलबा हटाने में दिक्कत हो रही है।

खराब मौसम सितम ढाने लगा है। लगातार बारिश के कारण सोमवार दोपहर बाद अटाली गंगा से आगे और ब्यासी से पहले ऋषिकेश-बदरीनाथ हाईवे पर पहाड़ी से पत्थर और मलबा गिरने से यातायात अवरुद्ध हो गया । सड़क के दोनों ओर वाहन फंस गए। लगातार बारिश के कारण पहाड़ी दरकी है। गनीमत रही कि पहाड़ से गिरे पत्थरों और मलबे की चपेट में कोई नहीं आया, जिससे हादसा टल गया। मार्ग बाधित होने पर मुनिकीरेती पुलिस ने भद्रकाली से वाहनों का रूट डावयर्ट कर दिया। वाहन नरेन्द्रनगर-खाड़ी-देवप्रयाग होकर श्रीनगर भेजे गये। सोमवार सुबह 10 बजे बारिश के कारण नीलकंठ मार्ग भी घट्टूगाड़ के पास अवरुद्ध हो गया।

लगातार हो रहे भूस्खलन के कारण मलबा हटाने में दिक्कत आई । दोपहर करीब दो बजे मलबा साफ होने के बाद आवाजाही शुरू हो पाई । लेकिन शाम करीब चार बजे मलबा गिरने से मार्ग फिर से बंद हो गया । इसे खोलने में लोनिवि के कर्मचारी जुट गए। दूसरी ओर बीन नदी उफनने से चीला वैकल्पिक मार्ग से वाहनों की आवाजाही बाधित हो गई है. इससे गंगाभोगपुर समेत यमकेश्वर ब्लॉक के आधा दर्जन गांवों का संपर्क ऋषिकेश से कट गया है.

बीन नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। इससे मंगलवार तक ही मार्ग पर वाहनों की आवाजाही हो सकेगी। एनएच के सहायक अभियंता एसके द्विवेदी ने बताया कि ब्यासी के पास पहाड़ से मलबा गिर रहा है. इसे हटाया जा रहा है। लगातार हो रही बारिश से परेशानी हो रही है। देर शाम तक छोटे वाहनों की आवाजाही शुरू हो जाएगी।

कुमाऊं में लगातार बारिश से ठहरा जनजीवन, 39 सड़कें बंद

राज्य में 30 घंटे से अधिक समय से हो रही बारिश से पहाड़ से लेकर मैदान तक सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. कुमाऊं में राष्ट्रीय राजमार्ग समेत करीब 39 सड़कें बंद रहने से सोमवार को हजारों लोगों की परेशानी बढ़ गई है. लगातार बारिश के कारण काली नदी, धौली नदी, सरयू, कोसी, गौला और रामगंगा नदियां उफान पर हैं।

पिथौरागढ़ में बारिश से तवाघाट-सोबला, पिथौरागढ़-तवाघाट व सोबला-दर-तेदांग बार्डर रोड समेत 15 सड़कें बंद हैं. सड़क बंद होने से कई गांवों में खाद्य सामग्री की किल्लत हो गई है. ग्रामीणों को पांच से 15 किमी पैदल चलकर राशन ढोना पड़ रहा है। लगातार बारिश के कारण काली नदी का जलस्तर खतरे के निशान (889 मीटर) के काफी करीब 888.65 मीटर तक पहुंच गया है. इसके अलावा नैनीताल में 4 ग्रामीण सड़कें और एक हाईवे, अल्मोड़ा में दो, चम्पावत में चार और बागेश्वर में 13 आंतरिक सड़कें बंद है. हल्द्वानी में रानीबाग-भीमताल मार्ग बंद होने से ट्रैफिक ज्योलीकोट से डायवर्ट कर दिया गया है.

आपदा: बारिश ने बढ़ाई पहाड़ों की मुश्किलें

दो दिनों से लगातार हो रही बारिश से राज्य में जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में भूस्खलन और मलबे के कारण कई मुख्य और लिंक मार्ग पूरी तरह से बंद हैं। इस समय प्रदेश के पहाड़ी इलाकों में करीब ढाई सौ बड़े और छोटे रास्ते बंद हैं। बारिश के साथ हो रहे भूस्खलन और गाढ़-गदेरों के उफनाने के कारण आवाजाही बंद हो गई। लोगों को छोटे छोटे रास्ते तय करने के लिए कई गुना लंबा सफर करना पड़ रहा है।

मुसीबत में लोग

पौड़ी गढ़वाल में सड़कें बंद होने की वजह से किमसार, पाली, आमसैंण, सिंगटाली, फतेहपुर, कफोली, गजेली, एरोली, नैग्याणा में लोगों को मुश्किलों का सामना करना पड़ा। सड़कें बंद होने से लोगों को दूसरे लंबे रास्तों का इस्तेमाल करना पड़ रहा है। इससे जहां किराया अधिक खर्च करना पड़ता है। वहीं समय भी जाया हो रहा है।

बारिश पैदा कर सकती है परेशानी

मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों तक बारिश की चेतावनी जारी की है। इधर रानीबाग पुल की एप्रोच रोड साइट वॉल के क्षतिग्रस्त भाग में तीन दिन के भीतर कंक्रीट की दीवार खड़ी करने का दावा लोनिवि ने किया है, लेकिन इतनी बारिश में काम कैसे होगा यह एक बड़ा सवाल है. साथ ही क्षतिग्रस्त हिस्से को ज्यादा खतरा हो सकता है।

पुल का काम काफी संकरी जगह पर कर रहे है। पुल के पास अप्रोच की दीवार क्षतिग्रस्त हो गई है। पुल बेहद सुरक्षित है। हमने सॉइल नेलिंग से प्रोटेक्शन का काम किया है। अगर मौसम अनुकूल रहा तो हम तीन दिन में सड़क के क्षतिग्रस्त हिस्से की मरम्मत कर उसे हल्के वाहनों के लिए खोलने का प्रयास करेंगे।

स्वाति पंत, सहायक अभियंता, लोनिवि अस्थाई खंड भवाली