पिथौरागढ़ से PAHAAD NEWS TEAM

प्रतिभा संसाधनों और सुविधाओं की मोहताज नहीं होती है। समर्पण और जुनून के कारण, वह मंजिल को हासिल करके खुद को साबित करने का प्रबंधन करती है। थल की 24 वर्षीय महिला क्रिकेटर श्वेता वर्मा ने ऐसा ही करके दिखाया है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम में चयनित होने के कारण, सामान्य परिवार की श्वेता ने पहाड़ की अन्य लड़कियों को उनकी सफलता के कारण विषम भौगोलिक परिस्थितियों का रास्ता दिखाया है।

थल कस्बे की श्वेता ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय सरस्वती शिशु मंदिर से प्राप्त की। टीवी पर क्रिकेट मैच देख रहे परिवार के सदस्यों ने उन्हें क्रिकेट के लिए एक जुनून दिया। श्वेता ने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी होते ही बल्ला थाम लिया। चूंकि हमउम्र लड़कियों को क्रिकेट में कोई रुचि नहीं थी, इसलिए उन्होंने लड़कों के साथ क्रिकेट खेला। उसने गाँव में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू कर दिया। इंटर में पढ़ाई के बाद उन्हें क्रिकेट का जुनून सवार हो गया। उच्च शिक्षा हासिल करने के लिए वह अल्मोड़ा पहुंची। वहां कॉलेज स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाना शुरू किया। जब क्रिकेट कोच लियाकत अली ने उनके नैसर्गिक खेल को देखा , तो उनमें छिपी प्रतिभा को पहचान लिया। उन्होंने चार साल तक श्वेता को क्रिकेट की बारीकियां सिखाईं। इस दौरान तमाम प्रतियोगिताओं में शिरकत करने के साथ ही वह उत्तर प्रदेश की टीम से क्रिकेट खेलने लगी। इसके बाद श्वेता ने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

हाईलैंडर्स क्रिकेट अकादमी काशीपुर में प्रशिक्षण के दौरान, वह भारत ए टीम में चुनी गई, और भारतीय क्रिकेट टीम में चयन को अपना लक्ष्य बनाया। श्वेता ने आखिरकार शनिवार को मुकाम हासिल कर लिया। श्वेता सात मार्च से लखनऊ में दक्षिण अफ्रीकी टीम के साथ पांच मैचों की एकदिवसीय श्रृंखला खेलेगी।

माँ ने बेटी का साथ दिया

श्वेता के पिता मोहन लाल वर्मा का दो साल पहले निधन हो गया था। पिता के बाद मां कमला वर्मा भी बेटी के जुनून को मंजिल तक पहुंचाने में व्यस्त रहीं। माता कमला वर्मा एक आंगनवाड़ी कार्यकर्ता हैं और वह अपनी बेटी का सारा खर्च अपनी मेहनत से इकट्ठा कर रही हैं। बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए, उसने कभी वित्तीय संसाधनों की कमी नहीं होने दी।

खेलों में राज्य की लड़कियां आगे आएं : श्वेता

श्वेता कहती हैं कि उत्तराखंड की लड़कियों में बहुत प्रतिभा और क्षमता है। उन्हें खेलों में ठीक से प्रशिक्षित होने की आवश्यकता है। यदि दूरस्थ क्षेत्रों में प्रतिभा का विस्तार किया जाए, तो कई प्रतिभाएँ उभर सकती हैं। वह पिथौरागढ़ जिले की महिला पर्वतारोहियों से बहुत प्रेरित हैं।

मिठाई बांटकर जश्न मनाया गया

श्वेता वर्मा के भारतीय टीम में चयन की जानकारी मिलते ही कस्बे में खुशी की लहर दौड़ गई। लोगों ने मिठाइयां बांटी और कहा कि श्वेता ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा से भूभाग को गौरवान्वित किया है। सामाजिक कार्यकर्ता दिनेश पाठक, प्रवीण जंगपांगी, मोहित वर्मा, वंदना वर्मा, दीया वर्मा, सुरेंद्र पांगती, सलीम अहमद, गंगा मेहता, कृष्णा गोस्वामी, नीरज जोशी, भूपेंद्र पांगती ने कहा है कि श्वेता की सफलता से पहाड़ की अन्य लड़कियों को भी प्रेरणा मिलेगी।