देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने गुरुवार को विधानसभा में वर्ष 2021-22 के लिए 57400.32 करोड़ का कर-मुक्त और राजस्व सरप्लस बजट पेश किया। सरकार ने विकास कार्यों, विशेष रूप से सड़कों और पुलों के निर्माण और रखरखाव के लिए बजट पैकेट खोला है। 2369 करोड़ का बजट लोक निर्माण कार्यों के लिए रखा गया है। कक्षा एक से आठवीं तक के सभी छात्रों के लिए मुफ्त जूते और स्कूल बैग की घोषणा की गई है। शहरी क्षेत्र में हर घर में पानी की आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि बजट सर्व समावेशी है। इसमें किसानों, युवाओं, महिलाओं, गरीबों और वंचितों और सभी वर्गों के लोगों का ध्यान रखा गया है।

मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधानसभा बजट सत्र के चौथे दिन गुरुवार को वित्त मंत्री के रूप में दूसरा बजट पेश किया। यह राज्य की भाजपा सरकार का पांचवा बजट है। गैरसैंण में प्रस्तुत किया गया यह तीसरा बजट है। वर्ष 2021-22 के लिए, 57400.32 करोड़ के बजट में कुल प्राप्तियां 57024.22 करोड़ होने का अनुमान है। नए बजट में समेकित निधि की कमी को पूरा करने के लिए लोक लेखा से 650 करोड़ रुपये समायोजित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि नए बजट में कोई राजस्व घाटा अनुमानित नहीं है। 114.93 करोड़ का राजस्व सरप्लस होने का अनुमान है।

बजट में 2022 तक किसानों की आय पर विशेष ध्यान देने के साथ किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प दोहराया गया है। इसके लिए, पारंपरिक कृषि विकास योजना के तहत 87.56 करोड़ रुपये रखे गए हैं। इसके साथ ही गन्ना मूल्य के भुगतान के लिए 245 करोड़ की व्यवस्था की गई है। मुख्यमंत्री राज्य कृषि विकास योजना में 20 करोड़ और एकीकृत आदर्श कृषि ग्राम योजना में 12 करोड़ का प्रविधान है। राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी मुख्यमंत्री घस्यारी कल्याण कल्याण योजना के लिए बजट में 25 करोड़ दिए गए हैं। दीनदयाल उपाध्याय सहकारी किसान कल्याण योजना के लिए 47 करोड़ दिए गए हैं।

बड़ी धनराशि में पेयजल योजनाएँ

पेयजल और सिंचाई योजनाओं पर काफी ध्यान दिया गया है। जमरानी परियोजना के लिए 240 करोड़ और सौंग पेयजल योजना के लिए 150 करोड़ रुपये बजट में रखे गए हैं। वाटर लाइफ मिशन-ग्रामीण के लिए 667.76 करोड़, पेरी अर्बन स्कीम के लिए 380 करोड़ और नाबार्ड की पेयजल योजनाओं के लिए 180 करोड़ की व्यवस्था की गई है। बजट में, हरिद्वार और ऋषिकेश को पूरी तरह से सीवरेज योजना के दायरे में लेने के लिए जर्मन विकास बैंक केएफडब्ल्यू से वित्तपोषित 1200 करोड़ रुपये के प्रस्ताव पर एमओयू की जानकारी भी दी गई है। यह काम कुंभ के बाद शुरू होगा। बजट में इसके लिए 80 करोड़ का प्रावधान किया गया है।

बजट में पर्यावरण संरक्षण

बजट में स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण के लिए धन भी दिया गया है। स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण योजना के तहत ठोस और तरल कूड़ा प्रबंधन को 101.31 करोड़ का प्रविधान है। पौधारोपण के लिए 50.29 करोड़ और CAMPA के तहत वन और पर्यावरण को नुकसान की प्रतिपूर्ति 295 करोड़ के बजट में की गई है। जाइका के माध्यम से ईको-रेस्टोरेशन के काम के लिए 110 करोड़ रुपये रखे गए हैं।

बुनियादी ढांचे पर जोर, सड़कों के लिए धन का खुला बंडल

सरकार ने बुनियादी ढांचे और अवस्थापना विकास पर विशेष जोर दिया है। लोक निर्माण विभाग के तहत पूंजीगत परिसंपत्तियों के लिए 1511.29 करोड़, राज्य में सड़कों के उचित वार्षिक रखरखाव के लिए 385.27 करोड़ का प्रविधान है । इसी तरह, ग्रामीण क्षेत्रों में मोटर मार्गों व सेतुओं के काम के लिए, नाबार्ड द्वारा वित्त पोषित योजना में 330 करोड़ रुपये रखे गए हैं। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत 954.75 करोड़ रुपये का बजट रखा गया है। मुजफ्फरनगर रेल लाइन निर्माण परियोजना पर 70 करोड़ और उड्डयन विकास और विस्तार के लिए 181 करोड़ खर्च किए जाएंगे।

स्वास्थ्य सेवा को मजबूत करने का अभियान

कोरोना संकट में, स्वास्थ्य सेवा में सुधार का अभियान जारी रहेगा। इसके लिए क्लस्टर सिस्टम के अनुसार विश्व बैंक की मदद से चिन्हित जिला अस्पतालों को विकसित करने के लिए 200 करोड़ की व्यवस्था की गई है। चिकित्सा और परिवार कल्याण के लिए 3319.63 करोड़ की अटल आयुष्मान योजना के संचालन के लिए 150 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।

सामाजिक सुरक्षा पेंशन पर ध्यान

सरकार ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन को अपनी प्राथमिकता के रूप में रखा है। इसके लिए समाज कल्याण विभाग को 1152.88 लाख रुपये का बजट दिया गया है। अनुसूचित जनजाति के छात्रों की छात्रवृत्ति के लिए 25.65 करोड़ रुपये रखे गए हैं। रोजगार के लिए मुख्मंत्री स्वरोजगार योजना के तहत 40 करोड़ की राशि प्रदान की गई है। विश्वबैंक पोषित उत्तराखंड वर्कफोर्स डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत 140 करोड़ रुपये का प्रविधान किया गया है।