PAHAAD NEWS TEAM

हाल-ए-चौराहा अभियान में आज PAHAAD NEWS की टीम सहारनपुर चौक (महावीर चौक) पहुंची। जैसा कि अपेक्षित था, यहां भी अव्यवस्थाओं से ही पाला पड़ा। राजधानी के प्रमुख चौराहों में शामिल यह चौक सुबह से ही जाम का गवाह बन जाता है। यहां न तो वाहनों को मोड़ने की कोई व्यवस्था है और न ही यहां से जाने वालों के लिए कोई अलग लेन। यही नहीं, तीन तरफ से आने वाला ट्रैफिक चौक पर एक साथ मिलता है और जाम के साथ-साथ दुर्घटनाओं का भी खतरा रहता है। आइए हम इस वर्ग की थोड़ी और जाँच करें। (PAHAAD NEWS TEAM)

दून में सहारनपुर चौक के नाम से मशहूर चौक का असली नाम महावीर चौक है, जिसका नाम भगवान महावीर के नाम पर रखा गया है। हालांकि, आमतौर पर इसे सहारनपुर चौक कहा जाता है क्योंकि यह सहारनपुर के मार्ग पर स्थित है। यह वर्ग शहर के सबसे व्यस्त चौराहों में से एक है। सुबह 9 से शाम 7 बजे तक वाहनों की रेलमपेल रहती है। इस चौराहे पर पटेलनगर, कांवली रोड, झंडा बाज़ार और आढ़त बाज़ार की ओर से ट्रैफ़िक आता है।

बड़ी संख्या में वाहनों को नियंत्रित करने के लिए हर समय न तो ट्रैफिक सिग्नल हैं और न ही कोई पुलिस कर्मी या होमगार्ड तैनात हैं। आड़े-तिरछे लगे बैरिकेडिंग, , क्षतिग्रस्त सड़कों और व्यवस्था को पटरी से उतारने के लिए डिवाइडर काफी हैं। यही नहीं पैदल चलने वालों के लिए फुटपाथ भी यहां से नदारद हैं। इसके अलावा, ज़ेबरा क्रॉसिंग कहीं नहीं देखा जा सकता है। (PAHAAD NEWS TEAM)

यही कारण है कि पैदल यात्री किसी भी समय कहीं से भी सड़क पार करते देखे जाते हैं, जिसके कारण यातायात बाधित होता है और दुर्घटनाओं का खतरा होता है। हालाँकि, शहरवासियों को दिन भर समस्याओं का सामना करना पड़ता है, लेकिन जिम्मेदार लोग इस अव्यवस्था पर ध्यान नहीं देते हैं। यहां से कुछ दूरी पर लोक निर्माण विभाग द्वारा स्थायी डिवाइडर भी बनाए गए थे, लेकिन चौक के पास अस्थायी डिवाइडर अक्सर सड़क पार करने के लिए दोपहिया वाहनों के लिए जरिया बने रहते हैं। (PAHAAD NEWS TEAM)