नैनीताल, PAHAAD NEWS TEAM

हाईकोर्ट ने मसूरी की तलहटी में किए गए अवैध निर्माण को सील करने के निर्देश एमडीडीए उपाध्यक्ष और नगर आयुक्त देहरादून को दिए हैं। इसके साथ ही 27 मई तक विस्तृत रिपोर्ट अदालत में पेश करने के आदेश दिए हैं।

बुधवार को देहरादून निवासी रीनू पॉल की जनहित याचिका पर मुख्य न्यायाधीश आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की पीठ ने सुनवाई की। हाईकोर्ट ने 30 डिग्री से अधिक ढाल पर बने निर्माण को उत्तराखंड के बिल्डिंग बायलॉज़ के खिलाफ होने के कारण सील करने के निर्देश दिए है। यह आदेश मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण और नगर निगम देहरादून को लागू करने के लिए कहा गया है। गौरतलब है कि उत्तराखंड की निर्माण नीति -2015 संशोधन के बिंदु -4 के अनुसार, इसे 30 डिग्री से अधिक की ढाल पर निर्माण करने की अनुमति नहीं है, लेकिन इसका मखौल उड़ाते हुए देहरादून और मसूरी के बीच के कई छोटी छोटी पहाड़ियों को पूरी तरह काट कर अंधाधुंध निर्माण किया जा रहा है। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि यह स्थानीय पर्यावरण का दोहन है और इससे शिवालिक पर्वत श्रृंखला को अस्थिर किया जा रहा है।

मामले को गंभीरता से लेते हुए, अदालत ने 27 मई तक एक विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिए है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता की ओर से तस्वीर के माध्यम से, अदालत को दिखाया कि कैसे पहाड़ी दर पहाड़ी को काट कर धड़ल्ले से असंतुलित विकास की आड़ में छोटी छोटी पहाड़ियों को नष्ट किया जा रहा है।