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आशाओं की समस्याओं को लेकर शुक्रवार को उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्किंग यूनियन ने स्वास्थ्य महानिदेशालय में प्रदर्शन किया। इस दौरान उनकी पुलिस से नोकझोंक भी हुई।बाद में, संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने स्वास्थ्य महानिदेशक डॉ. अमिता उप्रेती से भी मुलाकात की और उन्हें अपना मांगपत्र उन्हें सौंपा। महानिदेशक ने सभी मांगों पर जल्द ही कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है। संगठन के अधिकारियों का कहना है कि अगर कार्रवाई नहीं होती है, तो सचिवालय 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर घेराव किया जाएगा।

संगठन के प्रांतीय अध्यक्ष शिवा दुबे ने कहा कि आशा का मानदेय तीन साल से नहीं बढ़ाया गया है। राज्य सरकार करौना योद्धाओं को 11 हजार रुपये की सम्मान राशि दे रही है, लेकिन आशाओं को इसमें शामिल नहीं किया गया है। अल्मोड़ा में, मुख्यमंत्री ने आशा को 18,000 रुपये के मासिक मानदेय की घोषणा की, लेकिन इसे लागू नहीं किया जा रहा है। आशाओं को स्वास्थ्य कर्मचारी घोषित करने, सभी आशाओं का स्वास्थ्य बीमा, कृमि मुक्ति अभियान के तहत दवा वितरण को 200 रुपये प्रतिदिन मानदेय व आशा की मृत्यु पर परिवार को 15 लाख रुपये मुआवजा देने की मांग भी उन्होंने की। सीटू के जिला महामंत्री लेखराज , रविंद्र नौडियाल, सुनीता चौहान, कलावती चंदोला, नीरज यादव, अनित अग्रवाल, लोकेश, मिनाक्षी, नीरा कंडारी, आशा चौधरी, धर्मिष्ठा, बबिता शर्मा, निर्मला, आशा देवी, पूनम थपलियाल आदि उपस्थित थे। ।

आशा फैसिलिटेटर ने भी भरी हुंकार


आशा फैसिलिटेटर एवं कार्यकर्त्ता संगठन ने लंबित मांगों को लेकर फिर मोर्चा खोल दिया है। 9 मार्च को, आशाएँ सभी जिलों में मांग दिवस मनाएंगी। इस दिन एक रैली निकालकर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को एक ज्ञापन भी भेजा जाएगा। शुक्रवार को जैन धर्मशाला में हुई राज्य स्तरीय बैठक में आंदोलन की रूपरेखा तय की गई। बैठक में मुख्य अतिथि भारतीय मजदूर संघ की केंद्रीय महिला प्रभारी इंदु नायर ने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार महिला कर्मचारियों की जायज मांगों का समाधान नहीं कर रही हैं। इसके बजाय उनका शोषण किया जा रहा है।

संगठन की प्रांतीय महासचिव रेनू नेगी ने कहा कि 9 मार्च को केंद्रीय संगठन के आह्वान पर पूरे राज्य में मांग दिवस मनाया जाएगा। साथ ही, आगे के आंदोलन की रणनीति पर भी विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कई बार ज्ञापन देने और वार्ता करने के बाद भी उनकी मांगों का समाधान नहीं किया जा रहा है। उन्होंने एक विजिट पर 800 रुपये, राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 500 रुपये और कोरोनाकाल में किए कार्यो के लिए प्रोत्साहन राशि देने की मांग की है।