देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल की मैग्नेटिक रेसोनेंस इमेजिंग स्कैन (एमआरआई) मशीन डेढ़ साल से अधिक समय से बेकार पड़ी है. जिससे दून अस्पताल में एमआरआई कराने आने वाले मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल में न केवल देहरादून बल्कि पहाड़ी जिलों से भी कई मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं। लेकिन अस्पताल में एमआरआई जांच की सुविधा नहीं होने से मरीजों को परेशानी हो रही है. ऐसे में मजबूर मरीज निजी डायग्नोस्टिक सेंटरों में जाकर दोगुने दाम पर एमआरआई करवाते हैं।

दरअसल, कोरोना काल से पहले दून अस्पताल में बीपीएल मरीजों को मुफ्त एमआरआई की सुविधा मिलती थी, वहीं आम मरीजों को एमआरआई टेस्ट कराने के लिए 3 हजार 500 रुपये देने पड़ते थे, लेकिन मशीन कई महीनों से बंद पड़ी है, जिससे मरीजों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. शासन स्तर पर नई एमआरआई मशीन की खरीद प्रक्रिया भी धीमी गति से चल रही है, लेकिन दून अस्पताल में नई एमआरआई मशीन कब लगेगी, इसे लेकर संशय बना हुआ है.

दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. केसी पंत के मुताबिक दून अस्पताल की एमआरआई मशीन काफी पुरानी है. एमआरआई मशीन धीरे-धीरे खराब होने लगी और उसे ठीक कराने की लागत बहुत ज्यादा आने लगी । यह मशीन महंगी होने के साथ-साथ अपडेट लेवल की भी थी। उन्होंने बताया कि इसकी जगह नई एमआरआई मशीन आनी है, जिसकी प्रक्रिया शासन स्तर पर लंबित है. उन्होंने कहा कि एमआरआई मशीन का न्यूरो सर्जरी से लेकर फंगल इन्फेक्शन में महत्वपूर्ण रोल है। उन्होंने कहा कि जब सरकार के स्तर से मंजूरी मिल जाएगी तो एक-दो महीने के भीतर अस्पताल में एमआरआई मशीन लगा दी जाएगी.

आपको बता दें कि वर्ष 2007 में दून अस्पताल में मरीजों को सुविधाएं मुहैया कराने की दिशा में एमआरआई मशीन लगाई गई थी, जिससे रोजाना 30 से ज्यादा मरीजों की जांच की जाती थी. लेकिन आए दिन मशीन में तकनीकी खराबी आने लगी। जिसके बाद सरकार ने नई मशीन लगाने का फैसला किया। लेकिन डेढ़ साल से अधिक समय बीत जाने के बाद भी अब तक दून अस्पताल में नई एमआरआई मशीन नहीं लगाई जा सकी है.