देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

विधायक गोपाल रावत के निधन से खाली हुई गंगोत्री विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा या यहां सीधे विधानसभा चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे? चूंकि उत्तराखंड विधानसभा का कार्यकाल कुछ ही महीने दूर है, ऐसे में यह सवाल खड़ा हो गया है। आम तौर पर खाली सीटों पर छह महीने के भीतर उपचुनाव हो जाते हैं, लेकिन जब विधानसभा का कार्यकाल कुछ ही महीने का बचा हो तो उपचुनाव की उपयोगिता पर भी विचार किया जा सकता है. गंगोत्री विधायक गोपाल रावत का बीते 22 अप्रैल को निधन हो गया था. नियम के मुताबिक अगर किसी कारण से विधानसभा की सीट खाली हो जाती है तो छह महीने के अंदर उपचुनाव करा दिया जाता है।

इस लिहाज से गंगोत्री के लिए उपचुनाव 21 अक्टूबर से पहले होना है। इसमें से डेढ़ माह का समय बीत चुका है। चुनाव कार्यक्रम अभी घोषित नहीं किया गया है, अब पहाड़ में जुलाई- अगस्त मानसून काल के चलते सामान्य तौर पर निर्वाचन जैसा तामझाम वाला आयोजन संभव नहीं होता । इस लिहाज से मध्य सितंबर-अक्टूबर से पहले गंगोत्री उपचुनाव संभव नहीं लगता। इसके बाद मौजूदा विधानसभा का कार्यकाल चंद महीनों का ही बचा है। तकनीकी रूप से विधानसभा का कार्यकाल 18 मार्च तक है, लेकिन उससे पहले राज्य में विधानसभा चुनाव के लिए आदर्श आचार संहिता जनवरी में लागू हो जाती है।

उपयोगिता पर भी विचार करें

जानकारों के मुताबिक छह महीने के अंदर चुनाव कराना संवैधानिक दायित्व है। लेकिन चूंकि अब राज्य विधानसभा का कार्यकाल केवल कुछ महीनों के लिए है, इसलिए भारत निर्वाचन आयोग उपचुनाव की उपयोगिता पर भी विचार कर सकता है। उम्मीदवारों के साथ-साथ चुनाव आयोग के लिए भी यह काफी महंगा आयोजन है, ऐसे में उपचुनाव भी टाले जा सकते हैं.

सीएम लड़ेंगे तो होंगे उपचुनाव

इन परिस्थितियों के विपरीत अगर सीएम तीरथ सिंह रावत गंगोत्री या कहीं और से उपचुनाव लड़ते हैं तो गंगोत्री में उपचुनाव होना तय है। सीएम तीरथ सिंह रावत को 10 सितंबर से पहले विधानसभा की सदस्यता लेनी है. अगर वह गंगोत्री सीट से चुनाव लड़ते हैं तो यहां सितंबर के पहले सप्ताह तक उपचुनाव हो सकता है. अगर सीएम कहीं और से चुनाव लड़ते हैं तो गंगोत्री का उपचुनाव सीएम के उपचुनाव के साथ ही संपन्न हो जाएगा।

नियमानुसार सीट खाली होने के बाद छह माह में उपचुनाव कराने की अनिवार्यता है। हमने भारत निर्वाचन आयोग को गंगोत्री सीट रिक्ति की जानकारी भेज दी है। भारत निर्वाचन आयोग उपचुनाव पर अंतिम निर्णय लेगा।
सौजन्या, मुख्य निर्वाचन अधिकारी, उत्तराखंड