काशीपुर , PAHAAD NEWS TEAM

राज्य के बहुचर्चित दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले में होली के बाद कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जा सकता है। पांच मामलों की जांच कर रहे सीओ खटीमा मनोज ठाकुर तत्कालीन पटल सहायक को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेंगे। इस दौरान कुछ अन्य लोगों के नाम सामने आ सकते हैं। हाल ही में भ्रष्टाचार अधिनियम की धारा में वृद्धि के बाद काशीपुर जसपुर में दायर पांच मामले सीओ खटीमा मनोज ठाकुर को सौंपे गए हैं। ठाकुर ने मामले में जांच तेज कर दी है।

उन्होंने एंटी करप्शन कोर्ट से तत्कालीन पटल सहायक राजेंद्र सिंह को रिमांड पर देने की अर्जी दी थी। कोर्ट ने सीओ की याचिका को स्वीकार कर लिया है। संभावना है कि तत्कालीन बोर्ड सहायक से पूछताछ में कई महत्वपूर्ण रहस्यों का खुलासा होगा। साथ ही कई अन्य लोगों की संलिप्तता सामने आ सकती है। जैसे-जैसे मामले की परतें खुलेंगी, आरोपियों की संख्या बढ़ती जाएगी। संभावना है कि होली के बाद अप्रैल के पहले सप्ताह में इस मामले में कुछ अन्य लोगों को गिरफ्तार किया जाए।

वर्ष 2011 में खुलासा हुआ था

दशमोत्तर छात्रवृत्ति घोटाले का खुलासा साल 2011 में हुआ था। इसके बाद, सरकार के निर्देश पर एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी की जांच में करोड़ों का घोटाला सामने आया था। जिसके बाद जिले भर में 60 मामले दर्ज किए गए। जिनमें से 49 काशीपुर सेक्टर में ही पंजीकृत हैं। पिछले दिनों सीओ अक्षय प्रहलाद कोंडे ने पूर्व समाज कल्याण अधिकारी अनुराग शंकर को गिरफ्तार कर जेल भेज चुके हैं । इसके बाद ही, कुछ अन्य अधिकारियों और समाज कल्याण विभाग के बाबुओं के नाम सामने आए और पुलिस ने उन्हें आरोपों की सूची में भी शामिल कर लिया था । अब सभी की भूमिका की जांच चल रही है

समाज कल्याण विभाग और बैंक पर भी पुलिस की नजर

जिस तरह से स्कॉलरशिप घोटाले में पुलिस की जांच ने हाल ही में तेजी पकड़ी है, अगर पुलिस सूत्रों की माने तो जल्द ही रिमांड पर लेकर समाज कल्याण विभाग के पटल सहायक को रिमांड पर लेकर कई राज उगलवाया जा सकता है। ऐसी स्थिति में, संभावना है कि समाज कल्याण विभाग और कई बैंकों पर भी जांच की जद में आ सकते है और यदि उनके खिलाफ पर्याप्त सबूत पाए जाते हैं, तो उन्हें गिरफ्तार भी किया जा सकता है।