देहरादून, PAHAAD NEWS TEAM
उत्तराखंड में कोरोना का कहर जारी है। इसे देखते हुए चारधाम के द्वार खुलेंगे, लेकिन उत्तराखंड सरकार ने चारधाम यात्रा को स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही, मंगलवार को बद्रीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री के रावल, पुजारियों और मंदिरों से जुड़े कर्मचारियों, अधिकारियों, हकूक धारी, पंडित पुरोहित के स्थानीय अधिकारों के लिए एसओपी भी जारी किए गए हैं। ताकि, कोविड -19 के बचाव से संबंधित जारी नियमों का पालन करते हुए चारों धामों में पूरे विधि विधान से रोजाना पूजा की जाए ।
वहीं, पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि लोगों की सुरक्षा उत्तराखंड सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। देश – विदेश से आने वाले तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसओपी तैयार किया गया है। ऐसी स्थिति में, व्यापारियों की अर्थव्यवस्था को ध्यान में रखते हुए पर्यटकों के लिए सुरक्षित रूप से होम स्टे उपलब्ध कराए जा रहे है। राज्य के सभी होम स्टे में पर्यटक घर से भी काम कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि चारधाम यात्रा लाखों लोगों का रोजगार और आजीविका का साधन है। यात्रा को सुरक्षित रूप से शुरू करने के लिए अधिकारियों, मंदिर समिति के अधिकारियों और स्थानीय व्यापारियों से सुझाव लिए जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि घर से काम करने के लिए उत्तराखंड आने वालों के लिए, राज्य के सुदूरवर्ती के ग्रामीण इलाकों में कई ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जोकि अपनी नैसर्गिक छटा एवं सांस्कृतिक विरासत को अपने में समेटे हुए हैं । निर्मित होम स्टे में पर्यटकों के लिए उपयुक्त आवास और खानपान सुविधाओं के साथ संचार प्रणाली को भी मजबूत किया गया है। उत्तराखंड के होम स्टे में रहने और घर से काम करने वालों को 72 घंटे पहले ही कोरोना की RTPCR रिपोर्ट लानी होगी।
पर्यटन सचिव दिलीप जावलकर ने कहा कि सरकार कोरोना के कारण उत्तराखंड पर्यटन उद्योग को होने वाले नुकसान को रोकने के लिए प्रयास कर रही है। पर्यटन उद्योग के नुकसान को कम करने के लिए, पर्यटन विभाग लगातार वैकल्पिक व्यवस्था की तलाश कर रहा है। इसके साथ ही तीर्थयात्रियों और श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए एसओपी तैयारियां की गई हैं।
देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और गढ़वाल आयुक्त रविनाथ रमन ने कहा कि बोर्ड द्वारा एसओपी जारी किया गया है। जिसके तहत सुबह 7 से शाम 7 बजे तक मंदिरों के पट खोले जाएंगे। मंदिरों के प्रवेश द्वारों पर हाथों को सैनेटाइज करना होगा और सभी की थर्मल स्क्रीनिंग जरूरी होगी । सभी प्रवेश करने वाले व्यक्तियों के लिए फेस कवर का उपयोग करना अनिवार्य होगा। करोना के बढ़ते संक्रमण के बीच, देवस्थानम परिसर के अंदर और बाहर सोशल डिस्टेसिंग का सख्ती से पालन करना अनिवार्य होगा।
Recent Comments