देहरादून से पहाड़ न्यूज़ टीम

देश के एक तरफ हमारे जांबाज डटे हैं , जबकि दूसरी तरफ उनकी मां, पत्नी और बहनें हैं। यह उनका साहस है, जिसके कारण हमारे जांबाज बिना किसी चिंता के देश पर कुर्बान होने केलिए हमेशा तैयार रहते हैं। … और सलाम है उन महिलाओं को, जो जब कोई वीर तिरंगे में लिपटकर घर आता है और अपने दर्द को पीछे छोड़कर साहस का एक नया अध्याय लिखना शुरू कर देती है। इन वीरांगनाओं में शहीद दीपक नैनवाल की पत्नी ज्योति भी शामिल हैं। अपने पति की शहादत के बाद, अब वह देश की सेवा के लिए उनकी ही राह पर चल पड़ी हैं। वह सेना में अधिकारी बनने जा रही है।(पहाड़ न्यूज़)

देहरादून जिले के हर्रावाला के रहने वाले नायक दीपक नैनवाल 10 अप्रैल, 2018 को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में एक आतंकवादी मुठभेड़ में घायल हो गए थे। तीन गोली चलाई गई थीं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। शरीर में धंसी गोलियों से एक माह तक तक लोहा लिया। उन्होंने हमेशा परिवार से कहा, “चिंता मत करो, एक मामूली घाव है, मैं ठीक हो जाऊंगा।” लेकिन 20 मई को वह जिंदगी की जंग हार गया। जिसने पूरे परिवार को तोड़ दिया। हालांकि, शहीद की पत्नी ज्योति जानती थी कि इससे आगे भी एक दुनिया है। ऐसी स्थिति में, उसने अपने लिए एक नया रास्ता चुना और अपने पति की तरह देश की सेवा करने का वचन दिया। उन्हें कड़ी मेहनत और समर्पण के बाद भारतीय सेना के लिए चुना गया है। वह अब प्रशिक्षण के लिए चेन्नई स्थित ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी जा रही है। (पहाड़ न्यूज़)