देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में इन दिनों भूमि कानून पर जोरदार चर्चा हो रही है. इस मुद्दे को कई युवा सोशल मीडिया पर जोरदार तरीके से उठा रहे हैं। यही कारण है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने खुद मामले का संज्ञान लिया है और इस पर एक कमेटी गठित करने का निर्देश दिया है. खास बात यह है कि पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने समिति गठित करने के निर्णय के तुरंत बाद इस कानून पर अपनी असहमति व्यक्त की है।

उत्तराखंड में भूमि कानून को लेकर राज्य की स्थापना के बाद से कई बार लोगों की ओर से राय दी जा चुकी है। जिसमें खंडूरी सरकार के दौरान इसे लेकर कुछ खास नियम भी बनाए गए थे। लेकिन निवेशकों को देखते हुए बाद में इस नियम में भी बदलाव किया गया। इस बार एक बार फिर राज्य भर के अलग-अलग इलाकों से भूमि कानून की मांग जोर-शोर से दिखने लगी है. खासकर युवाओं की तरफ से सोशल मीडिया पर इसे खूब ट्रेड किया जा रहा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं द्वारा शुरू किए गए इस आंदोलन का संज्ञान लेते हुए हाल ही में अधिकारियों को भूमि कानून समेत कुछ अन्य मुद्दों पर कमेटी बनाने के निर्देश दिए हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के फैसले के एक दिन बाद पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह ने भूमि कानून के खिलाफ पूरी ताकत के साथ अपनी बात रखी है. उन्होंने भूमि कानून के खिलाफ अपना वोट भी दिया।

पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि यह भावनात्मक मुद्दा है और चुनाव से पहले भावनात्मक रूप से लोगों को इसको लेकर गलत संदेश दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि जो लोग भूमि कानून की बात कर रहे हैं, वे इस कानून को लेकर अपना खाका तैयार कर सरकार को दें, ताकि पता चल सके कि ये लोग भूमि कानून पर क्या चाहते हैं.