देहरादून , PAHAAD NEWS TEAM

उत्तराखंड में भाजपा की पिछली त्रिवेंद्र सिंह रावत सरकार के लगभग चार साल के कार्यकाल में नामित लगभग 120 दायित्वधारियों और महानुभावों की छुट्टी कर दी गई है। मुख्य सचिव ओम प्रकाश ने शुक्रवार को इस संबंध में आदेश जारी किए। सिर्फ संवैधानिक पदों पर निर्धारित अवधि तक नियुक्त महानुभाव ही कार्यरत रहेंगे। तीरथ सिंह रावत सरकार ने पिछली सरकार में नियुक्त महानुभावों और दायित्वधारियों को सरकार से बाहर का रास्ता दिखा दिया है ।

मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के बीती 12 मार्च को शपथ लेने के साथ ही यह निर्णय लिया गया था कि पिछली त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में 18 मार्च 2017 से 10 मार्च से पहले नियुक्त किए गए दायित्वधारियों को हटना पड़ेगा । पिछली सरकार ने विभिन्न आयोगों, निगमों परिषदों में अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सलाहकार व अन्य पदों पर गैर सरकारी महानुभावों को नामित किया। इनमें से लगभग 80 गणमान्य व्यक्तियों को मंत्री, राज्य मंत्री या अन्य गणमान्य व्यक्तियों का दर्जा दिया गया था । इसके अलावा, लगभग 40 ऐसे दायित्वधारी भी नियुक्त किए गए थे, जिन्हें किसी भी तरह का दर्जा नहीं दिया गया था।

तीरथ सिंह रावत सरकार ने लगभग 20 दिनों के बाद उक्त सभी महानुभावों को तत्काल प्रभाव से पदमुक्त कर दिया। इस संबंध में, मुख्य सचिव ओम प्रकाश द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि संवैधानिक पदों पर निर्धारित अवधि के लिए नियुक्त किए गए महानुभावों को हटाया नहीं गया। शेष सभी महानुभाव अपने पदों पर नहीं रहेंगे। सरकार के इस कदम से सत्तारूढ़ भाजपा में खलबली मच गई। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मार्च में गैरसैंण में विधानसभा सत्र शुरू होने से ठीक पहले भाजपा के कई नेताओं को दायित्वों से नवाजा को जिम्मेदारियां था । माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत नए सिरे से दायित्वधारियों की नियुक्ति करेंगे। ऐसी स्थिति में कुछ पुराने चेहरों की वापसी भी संभव है।