हल्द्वानी , PAHAAD NEWS TEAM

संक्रमण से बचाव को लेकर 1 अप्रैल से नए नियम लागू होने के कारण से रोडवेज बस में बैठने से पहले यात्री पूछताछ केंद्र और कर्मचारियों से पूछ रहे हैं कि अगर दिल्ली या बरेली जाए तो रास्ते में बस से उतार कोरोना टेस्ट तो नहीं होगा । पहले दिन 22 लोग यह सवाल पूछकर लौट गए। असमंजस के बीच भी रोडवेज कर्मी भी लोगों को स्पष्ट जवाब नहीं दे पा रहे हैं।

हरियाणा और दिल्ली सहित 12 राज्यों से आने वाले यात्रियों के लिए उत्तराखंड में कोविड की रिपोर्ट अनिवार्य कर दी गई । सीमा पर चेकिंग के साथ रेलवे स्टेशन पर ट्रेन के आने के बाद, यात्रियों के कोरोना की जाँच की जा रही है और उन्हें होम आइसोलेट किया जा रहा है। वहीं, हल्द्वानी से बाहर जाने वाले यात्रियों को भ्रम है कि स्वास्थ्य विभाग की टीम दिल्ली, बरेली आदि रूटों पर जाने पर रास्ते में जांच तो नहीं करेगी।

रोडवेज की आय प्रभावित होगी

पिछले साल रोडवेज का संचालन तीन महीने के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। जब संचालन 25 जून को शुरू हुआ, तो एक – दूसरे राज्यों में जाने की अनुमति नहीं मिली। इसके बाद, जैसे-तैसे संचालन वापस पटरी पर आ गया। अप्रैल में गर्मियों की शुरुआत के साथ, पर्यटक सीजन भी शुरू हो जाता है। इसे लेकर रोडवेज भी तैयारियों में जुटा हुआ था । लेकिन अब 12 राज्यों के यात्रियों को Uttarakhand में आने से पहले Kovid Negative Report अनिवार्य होने की वजह से यात्रियों की संख्या भी घटने लग गई । जिसके कारण रोडवेज की आय भी प्रभावित होना भी लाजिमी है।