अल्मोड़ा-  जिले के सल्ट क्षेत्र में स्थित राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय डभरा के परिसर में बड़ी मात्रा में संदिग्ध विस्फोटक सामग्री मिलने से पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। स्कूल परिसर की झाड़ियों से 161 जिलेटिन जैसी विस्फोटक रॉड बरामद होने के बाद पुलिस व सुरक्षा एजेंसियाँ सतर्क हो गईं और मामले को गंभीरता से जांचने में जुट गई हैं। घटना ने यह सवाल भी खड़ा कर दिया है कि क्या ये सामग्री किसी वैध निर्माण कार्य के लिए लाई गई थी या फिर इसे किसी असामान्य उद्देश्य से यहाँ रखा गया था।

हाल ही में जिले के विभिन्न हिस्सों में सड़क निर्माण और मरम्मत कार्य चल रहे हैं, जिनमें नियंत्रित विस्फोटक सामग्री का उपयोग आम है। लेकिन इतनी बड़ी मात्रा में जिलेटिन का जंगलनुमा क्षेत्र में बिना सुरक्षा प्रबंध के मिलना अधिकारियों के संदेह को और गहरा कर रहा है। नियमों के अनुसार विस्फोटक सामग्री को लाइसेंस, परमिट और सुरक्षित भंडारण स्थल में ही रखा जा सकता है।

एसएसपी अल्मोड़ा देवेंद्र पींचा ने बताया कि जांच कई दिशाओं में आगे बढ़ाई जा रही है। पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या यह विस्फोटक सामग्री आसपास के किसी निर्माण परियोजना से जुड़ी थी या किसी संवेदनशील गतिविधि के लिए इकट्ठी की गई थी।

घटना की जानकारी मिलने पर पुलिस ने बम निरोधक दस्ते, डॉग स्क्वाड, थाना पुलिस, एलआईयू तथा आईआरबी टीमों की मदद से पूरे क्षेत्र में कॉम्बिंग अभियान चलाया। स्थानीय निवासियों से पूछताछ की गई और उन्हें किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत देने की अपील की गई। पुलिस ने सोशल मीडिया पर फैलाई जा रही अफवाहों से बचने की भी सलाह दी।

घटना का खुलासा तब हुआ जब स्कूल के प्रभारी प्रधानाचार्य सुभाष सिंह ने झाड़ियों में संदिग्ध पैकेट देखे और तुरंत पुलिस को सूचित किया। इसके बाद मौके पर पहुंचे पुलिस अधिकारियों ने क्षेत्र को घेरकर तलाशी शुरू की। तलाशी के दौरान दो अलग-अलग स्थानों से कुल 161 बेलनाकार पैकेट बरामद किए गए। उधमसिंह नगर और नैनीताल की बम डिस्पोज़ल टीमें तथा डॉग स्क्वाड (मौली और रैम्बो) ने आइटम की पहचान और खोज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

बम निरोधक दस्ते ने सभी पैकेटों को सुरक्षित तरीके से एकत्र किया और सील पैक कर सुरक्षित स्थान पर रखा। टीम ने पुष्टि की कि ये जिलेटिन रॉड प्रकार की विस्फोटक सामग्री है, जिसे सुरक्षा कारणों से नियमानुसार नष्ट किया जाएगा। पूरे अभियान की रिकॉर्डिंग ई-साक्ष्य ऐप के माध्यम से की गई।

पुलिस ने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ विस्फोटक पदार्थ अधिनियम 1908 की धारा 4(क) एवं 288 बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया है। अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि इतनी संवेदनशील सामग्री स्कूल परिसर तक पहुँची कैसे और इसे वहाँ किसने छिपाया।

पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले में तेजी से प्रगति हो रही है और जल्द पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी।