देहरादून :
अन्तराष्ट्रीय योग दिवस के शुभ अवसर पर नव्य भारत फ़ाउंडेशन एवं योग अनुभूति केंद्र द्वारा मिशन चिरंजीवी भारत के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण विषय पर गंगा फार्म, बालावाला, देहरादून में विशाल योग शिविर आयोजित करवाया गया। इस योग शिविर में योगाचार्य ऊषा थपलियाल एवं सूरज बिजलवाण जी द्वारा सभी को योग आसन करवाया गया व शारीरिक साधना से मानसिक साधना को जाने के व फिट रहने के टिप्स दिए गए । इस मौके पर सभी क्षेत्रवासियों ने इस योग शिविर का लाभ उठाया।
पहली बार 27 सितंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस मनाने का प्रस्ताव रखा था। उसी वर्ष 11 दिसंबर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इस प्रस्ताव को स्वीकृति देते हुए 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाने की घोषणा की। इस प्रस्ताव को 177 देशों का समर्थन मिला।
पहली बार योग दिवस 21 जून 2015 को मनाया गया था। इस दिन विश्व के लाखों लोगों ने सामूहिक रूप से योगाभ्यास किया। वहीं भारत में मुख्य कार्यक्रम का आयोजन नई दिल्ली के राजपथ पर हुआ, जिसमें 35000 से अधिक लोग शामिल हुए।
21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस
योग दिवस मनाने के लिए 21 जून का ही दिन निर्धारित करने की एक खास वजह है। 21 जून उत्तरी गोलार्ध में सबसे लंबा दिन होता है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति कहते हैं। यह दिन साल का सबसे लंबा दिन मना जाता है। ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन में प्रवेश करता है जिसे योग और अध्यात्म के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसे में इस दिन को योग दिवस के रूप में मनाए जाने का फैसला लिया गया।
आज अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के कार्यकर्म में अनेक लोग के साथ साथ नव्य भारत फ़ाउंडेशन के ट्रस्टी दुर्गा प्रसाद उनियाल जी, देवानंद डोभाल, खेमराज उनियाल, अयोध्या देवी, प्रेमा उनियाल, अभिजीत उनियाल , काव्या आदि कई गणमान्य की गरीमामयी उपस्थिति रही
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