Pahaad news: Pithoragarh

आशा वर्कर्स को सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, न्यूनतम 21 हजार वेतन लागू किए जाने समेत 12 सूत्रीय मांगों को लेकर आशा कार्यकर्ताओं का आंदोलन 8वें दिन भी जारी रहा। आशा वर्कर्स ने शीघ्र मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन को उग्र रू प देने की चेतावनी दी है। इधर, आशा कार्यकर्ताओं की हड़ताल के चलते कामकाज पर बुरा असर पड़ रहा है।

जिला मुख्यालय में स्थानीय गांधी चौक में उत्तराखंड आशा हेल्थ वर्कर्स यूनियन के बैनर तले जिलाध्यक्ष इंद्रा देऊपा के नेतृत्व में एकत्र कार्यकर्ताओं ने प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते धरना-प्रदर्शन किया। इस दौरान हुई सभा में आशा वर्कर्स ने कहा कि एक ओर नारी सशक्तीकरण की बात कही जाती है, वहीं दूसरी ओर आशाओं का लगातार शोषण किया जा रहा है। देऊपा ने कहा कि आशा कार्यकर्ताओं को कोविड से लेकर पल्स पोलियो, टीकाकरण, मातृ शिशु सुरक्षा, सर्वे, गणना, परिवार नियोजन, मलेरिया, डेंगू की जागरू कता, ओआरएस बांटने समेत तमाम सर्वे कार्याें में लगाया जाता है, लेकिन मासिक मानदेय नहीं दिया जाता है। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जाएंगी, तब तक वह आंदोलन वापस नहीं लेंगी। वहीं, हड़ताल से आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों व गर्भवती महिलाओं को लगने वाला रू टीन टीकाकरण प्रभावित हो रहा है। प्रदर्शन करने वालों में निर्मला बोरा, कमला रावल, संतोषी चंद, यशोदा देवी, हरिप्रिया खड़ायत, उर्मिला सौन, आशादेवी, भागीरथी, नीरु पाठक, रेखा उप्रेती आदि मौजूद थीं।