पौड़ी , PAHAAD NEWS TEAM
यह तो सभी जानते हैं कि सुगम में पोस्टिंग से उत्तराखंड के अधिकारी कितना प्यार करते हैं, सुगम में रहने के लिए तमाम अधिकारी तरह-तरह से सेटिंग-गेटिंग करते रहते हैं. लेकिन पेयजल निगम में शासन स्तर से तबादला होने के बावजूद एक मुख्य अभियंता दून का मोह नहीं छोड़ पा रहा है. पौड़ी में ज्वाइनिंग का आदेश 15 दिन पहले जारी होने के बाद भी वह दून में ही डटे हुए हैं. हैरानी की बात यह है कि उन्होंने यहां बैठकर पौड़ी में ऑनलाइन जॉइनिंग भी की है। संभव है कि पहाड़ों में जनहित के कार्य भी इसी तरह धरातल पर उतरें होंगे ।
हालांकि उत्तराखंड पेयजल निगम अव्यवस्थित कार्यों और योजनाओं में गड़बड़ी को लेकर चर्चाओं में बना रहता है, लेकिन अक्सर यहां के अधिकारियों की मनमानी भी चर्चा का विषय बन जाती है. केंद्र सरकार के जल जीवन मिशन जैसी महत्वाकांक्षी परियोजना का जिम्मा भी निगम के पास है। ऐसे में चुनावी साल में यह काम भी तेजी से पूरा करना है. लेकिन अधिकारियों की मनमानी से सरकारी योजनाओं में खलल डालने का काम किया जा रहा है. 11 अगस्त को पेयजल निगम मुख्यालय में कार्यरत प्रभारी मुख्य अभियंता (मुख्यालय) केके रस्तोगी का तबादला पौड़ी कर दिया गया है.
मुख्यालय से वह रिलीव हो गए , लेकिन अभी तक पौड़ी नहीं पहुंचे हैं। करीब 15 दिन बीत जाने के बाद भी वह दून में ही हैं। बताया जा रहा है कि उन्होंने दून से ऑनलाइन जॉइनिंग दी है। विभागीय सूत्रों के अनुसार उन्होंने पौड़ी कार्यालय से डिस्पैच नंबर प्राप्त कर ज्वाइनिंग दी है, जबकि ज्वाइनिंग के समय संबंधित कार्यालय में उपस्थित होना अनिवार्य है. पौड़ी जिले में अक्सर पेयजल की किल्लत रहती है और राज्य एवं केंद्र सरकार की योजनाओं के तहत जिले में विभिन्न कार्य भी किये जाने हैं. ऐसे में अधिकारियों के पहाड़ पर न चढ़ने से योजनाओं में भी खलल पड़ना तय है. विभागाध्यक्ष व प्रबंध निदेशक ने भी इस पर कोई संज्ञान नहीं लिया है। हालांकि कर्मचारी संगठनों ने मुख्य अभियंता के खिलाफ कार्रवाई की मांग जरूर शुरू कर दी है।
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